पंचकूला  23 अगस्त।  हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि हरियाणा में जिन अध्यापकों ने अध्यापक पात्रता परीक्षा एचटेट की परीक्षा पास की हुई है, उसकी समय सीमा खत्म करके उसे नौकरी की समय सीमा 40 वर्ष तक लागू माना जाए। साथ ही अध्यापकों के लिए भर्ती में 5 वर्ष की विशेष छूट दी जाए। उन्होंने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार प्रदेश में राष्टÑ निर्माता अध्यापकों के जीवन के साथ खिलवाड़ करके उनके जीवन को तबाह और बर्बाद करने पर तुली हुई है। अध्यापकों को रोजगार देने की बजाय उन्हें बेरोजगारी के गर्त में धकेलने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि बेरोजगारी के आंकड़े निरन्तर बढ़ते जा रहे हैं। सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा पढ़ें-लिखे शिक्षित लोगों को भुगतना पड़ रहा है।  उन्होंने सवाल किया कि किस प्रकार से स्रात्कोत्तर और गोल्ड मैडलिस्ट,बी टैक और पी एच डी डीग्री धारक युवाओं को अपने पेट की भूख को शांत करने के लिए क्लास फोर की नौकरी करने के लिए विवश होना पड़ा है। इस प्रकार से उनका भविष्य बर्बाद करने की जिम्मेदारी किसकी है। इस का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है।                                  

 चन्द्र मोहन ने दावा किया कि एक और तो केन्द्र सरकार राष्टÑीय स्तर की भर्ती एजैंसी बनाने जा रही है, दूसरी और खट्टर सरकार प्रदेश के उन 95 हजार युवाओं ने, जिन्होंने जेबीटी, एचटेट परीक्षा पास की हुई है उनमें से लगभग 45 हजार एचटेट परीक्षा पास युवाओं के सर्टीफिकेट की अवधि दिसंबर 2021 तक समाप्त हो जाएगी। इन युवाओं में से कितने पात्र अध्यापकों की नौकरी लगने की आयु सीमा ही समाप्त हो जाएगी।

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