कचरा शुल्क खारिज करने के लिए समस्या समाधान टीम ने लिखा प्रशासक को पत्र

बिना विकास कार्य किये टैक्स लगाना अनुचित- खेमराज
सिर्फ गांव वालो पर कचरा शुल्क लगाना, प्रशासन का सौतेल व्वहार: शुक्ला

चंडीगढ़। मेयर राजबाला मलिक द्वारा नगर निगम का वित्त बढाने के लिए बनाई गयी कमेटी ने पिछले मंगलवार को लोगों के चौतरफा विरोध के बाद पार्को में लगने वाले प्रवेश शुल्क को ख़ारिज किया था और नगर निगम का वित्त बढाने के लिए नगर निगम में शामिल 13 गांव के लोगों पर कचरा लेने की एवज में कचरा शुल्क लगाने और लाल डोरे से बाहर बने मकानों को पानी का कनेक्शन देने का प्रस्ताव दिया था, क्योंकि वह बिना शुल्क के ही पानी का प्रयोग कर रहे है। अब इसका भी विरोध होना शुरु हो गया है।

समस्या समाधान टीम ने इस बाबत चंडीगढ़ के प्रशासक, सलाहकार, डीसी, नगर निगम कमिश्नर समेत सभी पार्षदों को पत्र लिख कर इसका विरोध करते हुए फÞैसला रद्द करने की मांग की है। समस्या समाधान टीम के खेमराज का कहना है की नगर निगम का यह कर्तव्य होता है कि वह लोगों पर टैक्स लगा कर उन्हें सुविधाएं प्रदान करें परंतु चंडीगढ़ नगर निगम अपने कर्तव्य में विफल रहा है क्योंकि नगर निगम चंडीगढ़ में शामिल गावों में विकास कार्य होना तो दूर की बात है, अभी तक किसी भी विकास कार्य का नीव पत्थर भी नही लगा है।

चंडीगढ़ के सभी गावों में टूटी सड़के, बंद पड़े नाले, स्ट्रीट लाइट, गन्दी आदि की समस्याऐ है और ऐसे में गांव के लोगों को बुनियादी सुविधाये उपलब्ध करवाए बगैर उन पर कचरा शुल्क लगाना उचित नही है। लाल डोरे से बहार बने मकानों में रहने वालों की स्थिति इससे भी दयनीय है क्योकि इनको ये बुनियादी सुविधाये न तो पंचायतो के रहते मिली है और न अब नगर निगम में शामिल होने के बाद मिल रही है। इस पर मनोज शुक्ला का कहना है की हम नगर निगम में शामिल 13 गांव के लोगों पर कचरा लेने की एवज में लगाने वाले कचरा शुल्क के प्रस्ताव का विरोध करते है, क्योंकि अभी तक चंडीगढ़ में कहीं पर भी कूड़ा कचरा उठाने पर शुल्क लगाने का प्रावधान नहीं है और चंडीगढ़ नगर निगम में शामिल किये गांवों पर ये कचरा टैक्स लगाना इनके साथ सोतेला व्वहार जैसा है।

 इस पर ओंकार सैनी का कहना है की कोरोना महामारी के कारण तकरीबन सभी वर्गों के लोगों की जीविका पर प्रभाव पड़ा है और सभी लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। गावों में ज्यादातर गरीब और मध्यम वर्गीय लोग रहते है, ऐसे में महामारी के दौर में उन पर ये कचरा शुल्क लगाना अनुचित है। इसलिए हमने प्रशासक समेत सभी उच्च अधिकारियो और पार्षदों से इस प्रस्ताव को ख़ारिज करने की मांग की है।

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