गृहमंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर सभी बाजार यहाँ तक कि जरूरत का समान बेचने वाली दुकानों को भी बंद रखने का तुगलकी फरमान सुनाया है जिससे आमजन के साथ व्यापारी वर्ग जो पहले से ही गर्त में जा चुका है उसे तबाह और बरबाद करना चाहती है सरकार ।

आनन-फानन में जारी किए गए निर्देशों से स्पस्ट होता है कि ना व्यापरहित में है ना व्यापारियों से जुड़े मजदूर ,दिहाड़ीदार व फुटकर दुकानदारों और रेहड़ी पटरी वालों के हित में है यह सरकार ।

कोरोना के कारण लगे लोकडाउन के चलते नष्ट हो चुके व्यापार को निजी स्तर पर बगैर किसी सरकारी मदद के पुनर्जीवित करने में प्रयासरत व्यवसायियों को अभी कुछ राहत भी नहीं मिल पाई थी कि एक ओर तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया प्रदेश के गृहमंत्री जी द्वारा यह सरकार आखिर चाहती क्या है – क्यों व्यापारी वर्ग की कमर तोड़ने का कोई भी अवसर गवाना नहीं चाहती है ?

अनिल विज साहब के ट्वीटर हैंडल से यह निर्देश जारी होने के साथ ही बाजारों में हड़कंप मच गया , उहा-पोह की स्तिथि में है सभी बाजार आमजन भी ईस निर्णय के बारे में जानकर अचंभित रह गया – उनकी मनोदशा से स्पस्ट तौर पर प्रतीत होता है कि उनकी चिंता कोरोनाकाल में लगे लोकडाउन जैसी स्थिति को लेकर अधिक थी – आम नागरिकों को भी उनके बच्चों को पालन-पोषण को लेकर चिंता नजर आ रही है , क्या भविष्य होगा सभी ईन आशंकाओं से ग्रसित दिखाई दे रहे हैं , लोग तो चर्चाएं यहां तक भी करने लगे हैं कि यह सरकार दबंगई कर रही है ऐसे आदेशों के माध्यम से लोगों को दबाना चाहती है ।

बकौल तरविंदर सैनी ( माईकल ) लोसुपा उम्मीदवार यह सरकारी आदेश व्यापारविरोधी है ,गरीब विरोधी है ,मजदूर विरोधी है और कोई नीतिगत फैंसला नहीं होकर लोगों का दमन करने वाला निर्णय है जिसे सरकार को तत्काल वापिस ले लेना चाहिए जितना जल्दी हो सके नहीं तो सरकार को जान लेना चाहिए कि जो सरकार जनता का मन दुखाकर अपनी मनमानियां चलाती है उसके अधिक दिन शेष नहीं रह जाते हैं सत्ता में ।

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