पंचकूला। नगर निगम ने अपने प्रयासों से पंचकूला की स्वच्छता रैंकिंग सुधारने में सफलता हासिल कर ली है। वीरवार को केंद्रीय हाउसिंग एवं अर्बन एफेयरर्स की ओर से जारी रैंकिंग में अब पंचकूला 56वें स्थान पर पहुंच गया है। स्वच्छ भारत मिशन में नगर निगम, पंचकूला ने भी भाग लिया और पिछले 2 वर्षों के दौरान स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान में 434 शहरों में से पंचकूला 211वें स्थान पर था। 2018 में 4302 शहरों में से पंचकूला 142वें पर पहुंच गया था। नगर निगम पंचकूला ने वर्ष 2019 में शानदार उछाल मारते हुए 4267 शहरों में से 71वां रैंक स्थान हासिल किया था और अब पंचकूला ने 56वां स्थान हासिल कर लिया है। लोगों को जागरुक करने एवं उनकी फीडबैक का सबसे अहम योगदान रहा। पूर्व नगर निगम कमिश्नर राजेश जोगपाल का भीरैंकिंग में 56वें स्थान दिलवाने में अहम रोल रहा। उनके कार्यकाल के समय में स्वच्छता अभियान के तहत की गई योजनाओं को लेकर निगम आगे बढ़ा। नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी जरनैल सिंह ने बताया कि अक्टूबर 2018 में पंचकूला पहली बार आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा पंचकूला को ओडीएफ प्रमाणित किया गया था। ओडीएफ प्रोटोकॉल कंयुनिटी/सार्वजनिक शौचालय के उपयोग को बनाए रखने पर केंद्रित है। हालांकि नगर निगम 2018 में पंचकूला को अनुकूल परिणाम प्राप्त नहीं हुये, जब मंत्रालय ने इसे केवल ओडीएफ घोषित किया और फिर से नगर निगम पंचकूला को ओडीएफ सार्टिफिकेट हासिल किया गया। मंत्रालय द्वारा निर्धारित सभी प्रोटोकॉल बिंदुओं को देखकर ओडीएफ प्लस प्लस रैंकिंग हासिल हुई। संपूर्ण स्वच्छता मूल्य प्रणाली का पालन करते हुए स्वच्छता स्थिरता प्राप्त करने पर केंद्रित है, जिसमें सुरक्षित रोकथाम, प्रसंस्करण, मल का निपटान और सेप्टेज शामिल है। वीडियो के माध्यम से लोगों में जागरुकता लाई गई। स्कूलों, कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, मोबाइल पर लोगों को स्वच्छ पंचकूला के बारे में वीडियो भेजकर जागरुक किया। जरनैल सिंह ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग को कुछ बातों पर आंका जाता है। इसके आधार पर ही उनकी रैंकिंग की जाती है और उन्हें साफ-सुथरा शहर होने का गौरव मिलता है। इसको चुने जाने के प्रमुख घटकों में वहां पर अपशिष्ट संग्रहण अर्थात घरों से कूड़ा एकत्रित करना और परिवहन, प्र-संस्करण एवं निष्पादन (कूड़े को रीसाइकिल करना और उसका सही डिस्पोजल करना), संवहनीय स्वच्छता और नागरिकों की सहभागिता और नवाचार आदि शामिल हैं। इनके आधार पर केंद्र सरकार द्वारा इन्हें नंबर दिए जाते हैं। इसके अलावा इनकी रैंकिंग तय करने में भारत सरकार की तरफ से अधिकृत स्वतंत्र संस्था और मैदानी मूल्यांकन के अलावा जनता से मिलने वाली राय और उनके द्वारा दिए गए परिणाम भी शामिल किए जाते हैं। जरनैल सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा नियुक्त ओडीएफ दिशानिर्देशों के अनुसार 10 शौचालयों का चयन र्ड पार्टी द्वारा किया गया था। इन शौचालय में निरीक्षण के दौरान सैनिटरी नैपकिन, वेंडिंग मशीन, हैंड वाश, जैसे उपयोगकर्ताओं को स्वच्छ और मूलभूत सुविधाएं नैपकिन डिस्ट्रोयरमौजूद थे। जिसके बाद नगर निगम पंचकूला को ओडीएफ प्लस प्लस स्टेट्स और सार्टिफिकेशन प्रदान किया गया। अंतत: स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में ओडीएफ प्लस प्लस शहर की स्थिति प्राप्त करने से ऊंची छलांग लगा पाये। इन कारणों से सुधरा रैंक नगर निगम पंचकूला ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को अपनाया और शहर को कचरामुक्त करने में पिछले दो साल में प्रभावी कदम उठाएं हैं। जिसमें ये सुनिश्चित किया गया कि नियमानुसार घर, व्यवसायिक और शैक्षणिक संस्थानों से शतप्रतिशत गीला और सूखा कचरा अलग-अलग इक्टठा हो। जिसके लिए डोर टू डोर सोर्स सेग्रीगेशन को सभी क्षेत्रों में लागू किया गया है। स्लम क्षेत्रों में जहां डोर-टू-डोर कलेक्शन और सेग्रीगेशन संभव नहीं है, वहां पर पर्याप्त संख्या में डस्टबिन रखे गए हैं, जहां से कचरे को लैंडफिल साइट ले जाया जाता है। Post navigation देश में संचार क्रांति राजीव गांधी की ही देन हैः विधायक प्रदीप चौधरी पूर्व पार्षद सुभाष निषाद कांग्रेस सेवा दल के जिला अध्यक्ष नियुक्त