आशा वर्कर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा की मांग

चंडीगढ़,19 अगस्त। सरकार व विभाग के घोर उपेक्षापूर्ण रवैए के नाराज कोरोना योद्वा कही जाने वाली 20 हजार आशा वर्कर 7 अगस्त से हड़ताल पर है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आशा वर्करों की हड़ताल के प्रति सरकार व विभाग के घोर उपेक्षापूर्ण रवैए की घोर निन्दा की है और हड़ताल और आशा वर्करों की मांगों का पुरजोर समर्थन करने का ऐलान किया है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर 7 अगस्त से चल रही 20 हजार आशा वर्करों की मांगों का समाधान कर हड़ताल को खत्म करवाने की मांग की है। सकसं ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र की प्रति मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को भेजकर आवश्यक कार्यवाही करने का भी आग्रह किया है। यह जानकारी देते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव सतीश सेठी व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने बताया कि प्रदेश में कार्यरत करीब 20 हजार आशा वर्कर 7 अगस्त से हड़ताल पर हैं।

यह हड़ताल नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) को स्थाई कर आशा वर्कर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, जोखिम भत्ता सहित काटे गए अंशदान को वापस करने आदि मांगों को लेकर की जा रही है। एसकेएस नेताओं ने सरकार व विभाग को चेताया है कि अगर आशा वर्करों की मांगों का बातचीत से समाधान नही किया तो स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एनएचएम व ठेका कर्मचारियों सहित अन्य सभी श्रेणियों के कर्मियों और अन्य विभागों के कर्मचारी भी हड़ताल के समर्थन में सड़कों पर उतरने से मजबूर होंगे। जिसके लिए सरकार व विभाग पुरी तरह जिम्मेदार होंगे। उन्होंने सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ ग्रामीण सफाई कर्मचारियों द्वारा 23 अगस्त को डिप्टी सीएम के हल्के उचाना में आयोजित प्रर्दशन का भी पुरजोर समर्थन किया है। उन्होंने नई भर्ती के लिए 23 अगस्त के टेस्ट को रद्द कर 1983 बर्खास्त पीटीआई को बहाल करने की भी मांग की।

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