चंडीगढ़,14 अगस्त। अपनी नौकरी बहाली और नई भर्ती के लिए 23 अगस्त के टेस्ट को रद्द करने की मांग को लेकर बुधवार को बर्खास्त पीटीआई ने जिला मुख्यालयों पर परिवार सहित गिरफ्तारी दी। हरियाणा शारीरिक शिक्षक संधर्ष समिति के प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत दी गई गिरफ्तारियों में अन्य विभागों के कर्मचारियों ने भारी संख्या में शामिल होकर आंदोलन के प्रति एकजुटता प्रकट की। अनेक जिलों में गिरफ्तारी देने वाले कर्मचारियों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि प्रशासन के सभी इंतजामात छोटे पड़ गए। कर्मचारियों ने गिरफ्तारी के लिए सड़कों पर उतर कर प्रर्दशन करने पर मजबूर होना पड़ा। गिरफ्तारियों में हजारों गांवों के चुने हुए व पूर्व सरपंच, पंचों और किसानों, मजदूरों, नौजवानों, छात्रों ने शामिल होकर नौकरी बहाली के चल रहे आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया। गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों एवं परिवार के सदस्यों को पुलिस लाइन, थानों, स्कूलों में ले जाया गया और शाम के समय रिहा किया गया।

हरियाणा शारीरिक शिक्षक संधर्ष समिति के अध्यक्ष धर्मेंद्र पहलवान, पूर्व प्रधान गुरुदेव सिंह व वरिष्ठ उपाध्यक्ष वजीर गागौली ने आज के जेल भरो आंदोलन की सफलता का दावा करते हुए कहा है कि सभी 22 जिलों में करीब तीस हजार कर्मचारियों एवं परिवार के सदस्यों व समाज के अन्य लोगों ने गिरफ्तारी दी है। उन्होंने जेल भरो आंदोलन को ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पद रिक्त बारे दी गई गलत जानकारी और कमजोर पैरवी के कारण पीटीआई केस हारे हैं। बर्खास्त पीटीआई बिल्कुल निर्दोष है। इसलिए 8 अप्रैल के फैसले को लेकर पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। उन्होंने इस याचिका पर फैसला होने तक नई भर्ती के लिए रखे गए 23 अगस्त के टेस्ट को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आंदोलन की अगली कड़ी में 18 अगस्त को प्रदेश के सभी गांवों, शहरों एवं कस्बों में प्रर्दशन किए जाएंगे।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने पीटीआई के 18 अगस्त के प्रदेशव्यापी प्रदर्शन का पुरजोर समर्थन करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आज जेल भरो आंदोलन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित विभिन्न विभागों के हजारों की तादाद में कर्मचारियों ने गिरफ्तारी देकर ऐतिहासिक कार्य कर जबरदस्त एकजुटता प्रकट की है। उन्होंने कहा कि जब तक बर्खास्त पीटीआई की सेवाएं बहाल नही होगी,प्रदेश का कर्मचारी चैन से सांस नही लेगा और न ही सरकार को चैन की सांस लेने देगा। उन्होंने आनलाइन ट्रांसफर नीति की आलोचना करते हुए इसे रद्द करने की मांग की। उन्होंने हरियाणा टूरिज्म के पर्यटन स्थलों को निजी हाथों में सौंपने और 4 महीने से वेतन न देने की भी कड़ी आलोचना की।

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