बीते 24 घंटे में सबसे अधिक बरसात पटौदी क्षेत्र में हुई.
बरसात ने खोल के रख दी स्थानीय प्रशासन की पोल

फतह सिंह उजाला

पटौदी ।   बरसात के लिए पहचान रखने वाला सावन बेशक करीब सूखा ही निकल गया हो, लेकिन सावन माह के समाप्त होते ही मानसून का मूड बदल गया और इस मौसम की सबसे अधिक पहली बरसात पटौदी क्षेत्र में हुई । बीते 24 घंटे में पटौदी क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ 150 मिलीमीटर बरसात हुई है । यह जानकारी स्वयं मौसम विभाग के द्वारा दी गई है ।

पटौदी क्षेत्र के अलावा मानेसर में 112 मिलीमीटर, साहेना में 90 मिलीमीटर, फरुखनगर में 80 मिली मीटर और गुरुग्राम में 60 मिनी मीटर बरसात होना दर्ज किया गया है । पटौदी क्षेत्र में एक लंबे अरसे के बाद रिकॉर्ड तोड़ 150 मिलीमीटर हुई बरसात ने पटौदी और हेली मंडी में नगर पालिका प्रशासन , जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग व अन्य संबंधित विभागों की जल निकासी व्यवस्था को लेकर पोल खोल कर रख दी है । बरसाती पानी के भराव का यह हालात बना है कि 36 घंटे बाद भी विभिन्न स्थानों पर बरसाती पानी हिलोरे ले रहा है ।

सबसे अधिक परेशानी समस्या हेली मंडी और पटौदी के बीच मुख्य सड़क मार्ग पर जलभराव को लेकर बनी हुई है । जलभराव के कारण कई स्थानों पर सड़कों पर बने खड्डे के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, इतना ही नहीं विशेष रुप से दो पहिया वाहन चालक हादसे का भी शिकार होते रहे । बुधवार सायं लगभग 7 बजे आरंभ हुई बरसात ऐसी शुरू हुई कि गुरुवार को करीब 9 बजे तक सुबह आसमान से बरसात होती ही रही। ऐसे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जलभराव के कारण पूरे इलाके में क्या हालात बने हैं और किस प्रकार से आम लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ा रहा है।

बरसाती पानी भऱने के कारण जहां- जहां भी नजर गई वहां पर बाढ़ जैसे हालात दिखाई दिए । मानसून से पहले बरसाती नालों व अन्य नाले और सीवरेज की सही प्रकार से सफाई नहीं होने के कारण समस्या और भी अधिक गंभीर हो गई । हालात यह बन गए कि नालियों, बरसाती नालों , सीवरेज का पानी एक साथ मिलकर जगह जगह हिलोरे ले रहा है और मजबूरी में लोगों को इसी गंदे पानी से होकर आना जाना पड़ रहा है । ऐसे में चर्म रोग के साथ-साथ जल जनित बीमारियों की आशंका भी बढ़ गई है । जलभराव को देखते हुए आम आदमी भी बरसाती पानी की निकासी के दावे को लेकर स्थानीय प्रशासन के दावे और व्यवस्था पर सवाल खड़े करने लगा है ।