– उपमुख्यमंत्री ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी व गुरु जम्भेश्वर के अवतार दिवस की प्रदेश वासियों को दी बधाई चंडीगढ़, 12 अगस्त। बिश्नोई पंथ प्रवर्तक गुरु जम्भेश्वर महाराज सही मायने में पर्यावरण संरक्षण के अग्रदूत माने जाते है, जिस प्रकार से उन्होंने आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व पर्यावरण के महत्व को समझा और समाज को इस विषय में जागरूक किया। इससे उन्होंने पर्यावरण के प्रखर प्रवक्ता के तौर पर एक अमिट छाप छोड़ी है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी और बिश्नोई धर्म प्रवर्तक गुरु जाम्भो जी के 570वें जन्मदिवस के अवसर पर प्रदेश वासियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए यह बात कही। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बिश्नोई समाज को जीव व पर्यावरण प्रेमी बताते हुए कहा कि जो सन्देश गुरु जम्भेश्वर महाराज ने पर्यावरण व जीव रक्षा को लेकर सन 1485 में दिया था, उसे सर्व समाज के प्रत्येक इंसान को अपने जीवन में ढालना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी से पर्यावरण व वातावरण सुरक्षित रह सकता है। उन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर के बताए 29 नियमों का मुख्य सारांश भी ‘जीव प्रेम व पर्यावरण संरक्षण’ ही है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अध्ययन करना उनकी स्वयं की मुख्य हॉबी है। जम्भ साहित्य को उन्होंने पढ़ा है उसमें भी ‘जीव दया पालनी, रूंख लीलो न घावे’ की महत्ता पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर समाज का हर व्यक्ति इस बात को अपने सामान्य जीवन में धारण कर ले तो समाज की दशा और दिशा दोनों में अभूतपूर्व परिवर्तन हो सकता है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा गुरु जम्भेश्वर के बताए रास्ते पर चलते हुए हमें वृक्ष न केवल लगाने चाहिए बल्कि हरे वृक्षों की देखभाल भी करनी चाहिए क्योंकि हरे वृक्ष हमें असंख्य जीवनदायिनी वस्तुएं प्रदान करते है जो प्रकृति को संजोए रखते है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि गुरु महाराज ने वृक्षों को जीवित देव की संज्ञा दी है तो हम सबको उनकी बताई गई शिक्षा का अनुसरण करते हुए जीव जंतुओं के साथ हरे वृक्षों की भी देखभाल करनी चाहिए ताकि इस सृष्टि को हर प्रकार से सुरक्षित रख सकते है। Post navigation उपचुनाव में कांग्रेस की कमजोरी साबित हो सकती है, 6 साल से संगठन का पुनर्गठन नहीं होना प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना में किसानों को कैसे लूटा जाए की योजना: अभय चौटाला