चंडीगढ़, सोनीपत जिले में बरोदा में होने जा रहे उपचुनाव को लेकर जितने चाक-चौबंद भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं उतने कांग्रेसी नजर नहीं आ रहे lहाल में भाजपा ने ओमप्रकाश धनखड़ के रूप में नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है l जाट यहां तक कि दूसरे दलों के बीच उनके इर्द-गिर्द नजर आने लगे हैं और भाजपा का प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किसी भी समय सार्वजनिक किया जा सकता है l

इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के लोग काफी कैलकुलेटिव है l हर चीज सोच समझकर तय करते हैं परंतु मुकाबले में खड़ी कांग्रेस पार्टी की कमजोरी पिछले 6 साल से संगठन के चुनाव न होना भी नजर आ रही है l पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अशोक तंवर 6 साल से भी अधिक समय तक अध्यक्ष रहे परंतु वे बिना फौज के कमांडर साबित हुए और इतने बड़े कार्यकाल में भी कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए l अब कुमारी सेलजा की हालत भी कुछ ऐसी ही लग रही है lउन्होंने अब तक जो नियुक्तियां की है उसे देखकर ऐसा लगता है कि वह इस मामले में बहुत अधिक संजीदा नहीं है उनका नया अमला प्रभावी नजर नहीं आ रहा है l उप चुनाव से पहले प्रदेश कार्यकारिणी का गठन करना कांग्रेस और कुमारी शैलजा के लिए एक चुनौती से कम नहीं है l

जिस तरह से कॉन्ग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर कार्यकारी अध्यक्ष से काम चला रही है उसी तरह हरियाणा में भी प्रदेश की पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष के पार्टी छोड़ जाने के बाद कार्यकारी अध्यक्ष से काम चलाना पड़ रहा है l चुनाव आयोग ने जिस तरह से कांग्रेस को नोटिस देकर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के संदर्भ में कह दिया है उसी तरह हरियाणा में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की जरूरत भी आन पड़ी है l यहां यह पद पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कहने पर उसी तरह भरा जा सकता है जैसा 2013 में डॉ अशोक पवार के अध्यक्ष बनने के बाद एक बैलेंस बनाने के लिए भरा गया था पार्टी ने उस समय भूपेंद्र सिंह हुड्डा को महिला की अध्यक्ष बनाने की छूट दी थी और उन्होंने दलित प्रदेश अध्यक्ष के होते जाटों को प्रतिनिधित्व देते हुए सुमित्रा चौहान को प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनवाया था यह सर्व विदित है कि सुमित्रा चौहान हरियाणा महिला कांग्रेस की सबसे सफल अध्यक्ष कहीं जाएंगे कहीं जाती हैं l अब कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में जा चुकी हैंl

सुमित्रा चौहान के समय में महिला कांग्रेस हरियाणा में बुलंदियों पर नजर आती थी lइसीलिए कांग्रेस को उनकी कमी निश्चित तौर पर खल रही है lउनके पार्टी छोड़ जाने के बाद ब्राह्मणों को प्रतिनिधित्व देते हुए और समय अनुकूल व्यवस्था करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने श्रीमती सुधा भारद्वाज को कार्यकारी अध्यक्ष बनवाया था l विधानसभा के चुनाव में सक्षम सक्रिय और जातीय समीकरणों को साधने के लिए कांग्रेस को जल्दी ही रेगुलर महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करनी होगी l यदि ऐसा नहीं किया गया तो बरोदा में होने जा रहे कांटे के उपचुनाव में कांग्रेस को इसकी कमी बार-बार खलेगी l यह वह क्षेत्र है जहां ग्रामीण महिलाएं भी किसी दल विशेष के प्रति जनमत बनाने का काम करती हैं l आधी आबादी पूरा हक वाली मान्यता को परिलक्षित करती हैं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती है खेत में भी घर में भी l

हरियाणा महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती सुधा भारद्वाज ब्राह्मण समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं l ब्राह्मण समुदाय की मतदाता भी आने वाले उपचुनाव में निर्णायक साबित हो सकते है l ऐसे में उनकी सेवाएं जारी रखते हुए नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकते हैं lहरियाणा में कांग्रेस ने रेगुलर प्रदेश अध्यक्ष के साथ दो दो कार्यकारी अध्यक्ष बना कर भी काम चलाया है l

ऐसे में यही फार्मूला महिला कांग्रेस के पुनर्गठन को लेकर भी अप्लाई किया जा सकता है l उप चुनाव को देखते हुए जिस तरह भारतीय जनता पार्टी ने जाटों को प्रतिनिधित्व दिया है ऐसा ही कांग्रेस को भी करना पड़ेगा l व्यवहार में देखा जाए तो जिस क्षेत्र में जिस समुदाय का हस्तक्षेप और संख्या ज्यादा होती है वहां उस समुदाय को प्रतिनिधित्व दिए बिना उचित परिणाम प्राप्त नहीं किया जा सकता l

किरण मलिक

सुधा भारद्वाज के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष की एक और प्रबल उम्मीदवार श्रीमती नीना राठी भी कांग्रेस छोड़ गई lवह भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईl अब यह दोनों मतलब सुमित्रा चौहान और नीना राठी बरोदा विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट मांगते नजर आएंगे और जाट मतदाताओं को प्रभावित करेंगे lइसके मुकाबले भारतीय जनता पार्टी को काउंटर करने के लिए कांग्रेस के पास जाट अध्यक्ष * होना लाजमी है और कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया तो यह कमी प्रत्येक गांव में महसूस की जाएगी l चुनाव तैयारियों से लड़ा जाता है lप्रबंध से लड़ा जाता है lयोजना से लड़ा जाता है lइस मामले में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से कहीं आगे नजर आ रही है l

कांग्रेस के लिए एक दिक्कत यह भी है की सुमित्रा चौहान नीना राठी ही नहीं जाटों की बात करें तो अध्यक्ष पद की एक और प्रबल उम्मीदवार चित्रा सरवारा भी अब कांग्रेस में नहीं है उन्होंने हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम का एक नया राजनीतिक दल गठित कर लिया l अब कांग्रेस के ही लोग कहने लगे हैं कि नई राजनीतिक परिस्थितियों में कांग्रेस की आशा की किरण किरण मलिक हांसी हो सकती है l

श्रीमती मलिक महिलाओं के अलावा जाटों ,जिला हिसार और युवाओं का तो प्रतिनिधित्व करेंगी ही ,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा के खेमे का भी प्रतिनिधित्व करेंगी lउनका जाटों की बड़ी ख्वाब मलिक (गठवाला )से संबद्ध होना एक खास चीज है l

बरोदा विधानसभा क्षेत्र में मलिक गोत्र के 16 गांव हैं l चुनाव और राजनीति की हाल की परिस्थितियों को इस तरह से भी कैश किया जा सकता है कि किरण एक छात्र नेत्री रही हैं और पार्टी में आईटी सेल की अग्रणी और तार्किक प्रगतिशील महिला है lउनका ताल्लुक हिसार जिले के हांसी विधानसभा क्षेत्र से है और पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक है l बता दें कि वह पंचकूला गवर्नमेंट पीजी कॉलेज छात्र संगठन की अध्यक्ष रही है l प्रभावशाली व्यक्तित्व और मौजूदा प्रदेश महिला संगठन का स्टफ् उनका पक्षधर है lयह खास बात हैl

कहते हैं कि युद्ध के समय घोड़े नहीं बदले जाते l संभव है कॉन्ग्रेस चुनाव के समय प्रदेश संगठन में पुनर्गठन न कर पाए परंतु जो रिक्त पद हैं वहां उपयुक्त व्यक्ति का समायोजन भी समय की जरूरत हो जाता है इसलिए यह माना जा रहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक प्रदेशभर के इस बात के लिए लॉबिंग कर रहे हैं कि कम से कम महिला प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे से बनाई जानी चाहिए हरियाणा महिला कांग्रेस की आज की कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती सुधा भारद्वाज का ताल्लुक भी सोनीपत जिले से है lऐसे में यदि किरण मलिक का नाम आगे किया जाता है तो बरोदा विधानसभा क्षेत्र के मलिक मतदाताओं में इस बात का बड़ा फर्क पड़ सकता है l

हरियाणा में एक कहावत है की दहिया दहिया अशनाई मतलब रिश्तेदारी का और गठवाला यानि मलिक भाई का पक्ष धर्म माना जाता है l मतलब मालिकों में भाईचारा अपेक्षाकृत ज्यादा होता है और किरण मलिक तो मालिकों की बहू है वह उपचुनाव में बरोदा में पासा पलटने में सक्षम साबित हो सकती हैं l
संभव है कांग्रेसी इस मामले में जल्दी ही कोई कदम उठा ले lदेखते हैं आगे आगे होता है क्या ?

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