14 अगस्त को PTI अध्यापकों के जेल भरो आन्दोलन व यूनियन के सांगठनिक कारणों से प्रदर्शन में किया बदलाव। चण्डीगढ ,12 अगस्त । महानिदेशक के मांगों के प्रति अड़ियल रवैये व हठधर्मिता के कारण हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ राज्य कमेटी के आह्वान पर 14 अगस्त को सभी डिपूओं में होने वाला विरोध प्रदर्शन अब 21 अगस्त को होगा। यूनियन के राज्य केन्द्र की वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई आपात् बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष इन्द्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेन्द्र दिनोद व प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने सयुंक्त ब्यान में बताया 14 अगस्त को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा द्वारा पी टी आई अध्यापकों के जेल भरो आन्दोलन के समर्थन व यूनियन की अन्य व्यस्तताओं के चलते रोड़वेज कर्मियों की लम्बित मांगों को लागू नहीं करने व महानिदेशक के भेदभाव पूर्ण रवैये के खिलाफ 14 अगस्त को सभी डिपूओं में होने वाला प्रदर्शन अब 21 अगस्त को किया जाएगा। उन्होंने कहा परिवहन मंत्री के साथ हुई बातचीत में एक दर्जन मांगों पर सहमति बनी, परन्तु महानिदेशक द्वारा कर्मचारियों की मांगों को लागू करने की बजाए किलोमीटर स्कीम व स्टेज कैरिज स्कीम लागू करके विभाग को बरबाद करने में पुरा ध्यान लगाया हुआ है। जिस कारण रोड़वेज कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। बैठक में राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना के अलावा महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेन्द्र दिनोद, उप महासचिव बलबीर जाखड़ व नवीन राणा, कोषाध्यक्ष राजपाल, मुख्य सलाहकार राम आसरे यादव, मुख्य संगठन सचिव बिजेन्द्र सिंह अहलावत, राज्य कार्यालय सचिव जयकुमार दहिया व प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने विचार रखते हुए सरकार व उच्च अधिकारियों की वादाखिलाफी के विरोध में आन्दोलन तेज करने का आह्वान किया। बैठक में PTI अध्यापकों के आन्दोलन का समर्थन करते हुए नौकरी से हटाएं कर्मचारियों की नौकरी बहाली की पुरजोर मांग की। यूनियन नेताओं ने राज्य केन्द्र की बैठक में लम्बित मांगों की चर्चा करते हुए कहा सभी कर्मचारियों को 5 हजार रुपये जोखिम भत्ता देने, 1992 से 2002 के मध्य लगे सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, परिचालकों का पे स्केल बढाने, पुरानी पैंशन स्कीम लागू करने,18 दिन की हड़ताल के दौरान कर्मचारियों व आम नागरिकों पर एस्मा के तहत दर्ज मुकदमे रद्द करने, चार साल के बकाया बोनस का भुगतान जल्द करने, कर्मशाला कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान देने, कर्मशाला कर्मचारियों के राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, 2016 में भर्ती चालकों को पक्का करने, परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, कोरोना महामारी के चलते रोड़वेज कर्मियों को 50 लाख रूपये बीमा पॉलिसी में शामिल करने, सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाने, कोरोना महामारी के चलते विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए सरकार द्वारा 850 करोड़ रुपये का पैकेज देने, कर्मचारियों के बंद किये DA व LTC शुरू करने, नई भर्ती पर रोक हटाने, वर्दी व जूतों के रेट बढाने, निजीकरण, ठेका प्रथा पर रोक लगाने, विभाग में प्रति वर्ष 2000 सरकारी बसें शामिल करने आदि सहमत हुई मांगों को लागू करने के लिए महानिदेशक बिल्कुल गम्भीर नहीं है। Post navigation ये है मनोहरलाल सरकार का रिपोर्ट कार्ड : छह साल, 8111 घोषणाएं, सिर्फ 4398 हुईं पूरी उपचुनाव में कांग्रेस की कमजोरी साबित हो सकती है, 6 साल से संगठन का पुनर्गठन नहीं होना