अपनों से वाईफाई पासवर्ड की भी छिपाई जा रही जानकारी. ऑनलाइन काम करना डॉक्टरों के लिए बन गया समस्या फतह सिंह उजालापटौदी । एक ही सरकारी संस्थान और उसी सरकारी संस्थान में काम करने वाले कर्मचारी ,लेकिन समस्या गंभीर । कोरोना कोविड-19 महामारी के दौरान अधिकांश काम और वर्कशॉप सहित अन्य ट्रेनिंग का कार्य जिला मुख्यालय से लेकर चंडीगढ़ तक ऑनलाइन ही किया और करवाया जा रहा है । बात कर रहे हैं पटौदी के नागरिक अस्पताल की। यहां पर बी एस एन एल का ब्रॉडबैंड कनेक्शन और वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है। वाईफाई की बदौलत ही यहां अस्पताल में काम करने वाले विभिन्न डॉक्टर अपना अपना काम कर रहे हैं । उसके लिए अधिकांश डॉक्टरों के द्वारा पर्सनल लैपटॉप कंप्यूटर का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या डॉक्टरों के सामने यह आ रही है कि सरकारी अस्पताल में लगे सरकारी वाईफाई के पासवर्ड की जानकारी को कथित रूप से छिपाया जाना है अथवा जानकारी नहीं दी जा रही है। जिसके कारण विभिन्न डाक्टरों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । आज का दौर आईटी का दौर है और खासतौर से कोरोना कोविड-19 महामारी को देखते हुए डॉक्टरों की ट्रेनिंग वर्कशॉप व अन्य आवश्यक हिदायतें जिला मुख्यालय के साथ-साथ चंडीगढ़ से संचालित होती हैं। अपनी उपस्थिति दर्ज कराना और ट्रेनिंग लेना अथवा अन्य जानकारी का आदान-प्रदान करना वाईफाई का पासवर्ड उपलब्ध नहीं होने के कारण डॉक्टरों के लिए समस्या बना हुआ है हैरानी की बात यह है कि क्या पटौदी नागरिक अस्पताल के मुखिया को अपने ही सहकर्मी स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों पर भरोसा नहीं रह गया है ? जब डॉक्टर जोकि वर्कशाप में ट्रेनिंग के लिए आमंत्रित किए जाते हैं तो वह अपने अपने लैपटॉप के माध्यम से ही वर्कशॉप में शामिल होकर समय के मुताबिक ट्रेनिंग लेते भी हैं और अपनी अपनी समस्याओं का आदान प्रदान करते हुए विभिन्न प्रकार की जानकारी दी डाटा वर्कशॉप में सांझा करते हैं । पटौदी नागरिक अस्पताल के डॉक्टरों ने नाम नहीं खुलासा करने के अनुरोध पर अपनी समस्या सामने रखी । सोमवार को अस्पताल परिसर में ही यह सब देखने को मिला । यहां अस्पताल में चिकित्सक की चंडीगढ़ से वर्कशॉप चल रही थी, लेकिन समस्या और अधिक गंभीर तब हो गई जब वाईफाई का नेटवर्क पासवर्ड ही बार-बार पूछने पर बताया जा रहा था और मैं जानकारी देने की जरूरत महसूस की गई । कथित रूप से डॉक्टर के द्वारा कई बार अनुरोध किया जा चुका है कि वर्कशॉप अटेंड करने के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ-साथ ट्रेनिंग का लेना अथवा वर्कशॉप में शामिल होना जरूरी है, लेकिन डॉक्टरों की इस समस्या की तरफ नागरिक अस्पताल के मुखिया का कोई ध्यान ही नहीं है । कथित रूप से वही ऐसी भी जानकारी मिली है कि कुछ खास डॉक्टरों को ही पासवर्ड की जानकारी दी गई है कि वाईफाई का पासवर्ड क्या है। जिससे कि वह अपने अपने लैपटॉप पर काम करते हुए विभिन्न प्रकार की जानकारी का आदान-प्रदान और विभिन्न प्रकार के डाटा रिपोर्ट्स का आदान-प्रदान भी करते आ रहे हैं । लेकिन सवाल यह है कि जो डॉक्टर अस्पताल परिसर में बैठकर जिला मुख्यालय या फिर चंडीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार वर्कशॉप में शामिल नहीं हो पा रहे या ट्रेनिंग का आदान-प्रदान नहीं हो रहा, ऐसे डॉक्टरों के सामने समस्या और भी गंभीर है । डॉक्टरों को देखा गया कि वह अपने व्यक्तिगत मोबाइल फोन से भी अपने-अपने लैपटॉप को चलाने का प्रयास करते रहे, लेकिन नेटवर्क की कनेक्टिविटी नहीं आने के कारण मायूस होकर ही रह गए । अब सवाल यह है कि क्या सरकारी संस्थान में काम करने वाले अपने ही मातहत स्वास्थ्य अधिकारियों-डाक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग को कोई भरोसा ही नहीं रह गया है कि कम से कम कोरोना काल के दौरान ही नहीं सामान्य रूप से भी जब सरकार ऑनलाइन काम को प्राथमिकता दे रही है तो अपने अपने मातहत स्वास्थ्य कर्मचारियों डॉक्टरों को काम करने के लिए पासवर्ड की जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। यह अपने आप में छोटा लेकिन गंभीर और चिंतनीय सवाल बन गया है । Post navigation पटौदी नागरिक अस्पताल में ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध कोरोना चला देहात सोमवार को कुल केस का देहात में 42 प्रतिशत केस