नियमों की अवेहलना पड़ सकती है मनुष्य जीवन पर भारी, क्या जनता की सुविधा के लिए ध्यान देंगे अधिकारी?

भारत सारथी/ऋषिप्रकाश कौशिक

गुरुग्राम साइबर सिटी के नाम से विश्व में पहचान बनाए हुए है परंतु अगर यहां पर नजर डाली जाए तो बरसात के मौसम में भी स्थान-स्थान पर सडक़ों पर खुदाईयां हो रही हैं, जबकि बरसात में सडक़ों की खुदाई का काम नियमानुसार प्रतिबंधित है।

टेलिकॉम कंपनियों के हैं अधिकांश काम :

गुरुग्राम के विकास के बढऩे के साथ-साथ टेलिकॉम कंपनियों का काम भी बहुत बढ़ता जा रहा है और आजकल वाइफाइ की डिमांड बहुत बढ़ गई है। इसमें कोरोना का भी संयोग है, क्योंकि कोरोना के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हैं और स्कूली बच्चे, सरकारी व प्राइवेट कर्मचारी और यहां तक राजनैतिक लोग भी वर्चुअल रैलियां ऑनलाइन कर रहे हैं। अत: निर्बाध इंटरनेट की आवश्यकता पड़ती है और उसके लिए वाइफाइ की आवश्यकता होती है। अत: वाइफाइ की बढ़ती डिमांड के चलते टेलिकॉम कंपनियां अपना विस्तार करने में कानून तोडक़र भी लगी हुई हैं।

नहीं है जनता का ख्याल:

जल्द से जल्द वाइफाइ कनैक्शन लेने की होड़ में धड़ाधड़ केबल डालने का काम चल रहा है। साथ में यह नहीं ख्याल कि जनता को कितनी परेशानियां हो रही हैं और जब बरसात आएगी तो लोगों की जान पर भी बनकर आ सकती है, क्योंकि उन गड्ढ़ों में पानी भर जाएगा, फिसलन होगी, पानी भरने के बाद गड्ढ़े दिखाई नहीं देंगे। ऐसी अवस्था में सडक़ों पर चलने वाले इन गड्ढ़ों में गिर सकते हैं। जिनमें गिरने वालों में बच्चे, युवा, महिला, वृद्ध, हल्के-भारी वाहन भी हो सकते हैं।

क्या कर रहे हैं निगम, जीएमडीए और जनप्रतिनिधि :

इन परिस्थितियों में यह सवाल उठना बड़ा लाजिमी है कि जिस कोताही से जनता की जान जा सकती है, उस काम को रोकने के लिए जनता के पैसे से चलने वाले विभाग क्यों अंजान हैं? या जान-बूझकर अंजान बनने का नाटक कर रहे हैं? क्योंकि यह सभी काम सडक़ों पर हो रहे हैं और यह संभव ही नहीं हैं कि इन दोनों विभागों के कर्मचारियों को इन चीजों का ज्ञान न हो। ऐसी अवस्था में इनकी निष्क्रियता पर प्रश्न तो लगता ही है। चर्चाकारों का कहना है कि टेलिकॉम कंपनियां और धनाड्य ये अपना काम निकालने के लिए अधिकारियों को साम-दाम से अपने वश में कर लेते हैं और नियमों को ताक पर रखकर यह सब करते रहते हैं। इन टेलिकॉम कंपनियों को नियमों की परवाह कहां। कुछ चर्चाएं ऐसी भी हैं कि अनेक स्थानों पर तो बिना विभागों की इजाजत के भी खुदाई हो रही है लेकिन अधिकारी मौन रहते हैं।

हम तो प्रशासनिक विभाग से जनता की ओर से यही निवेदन करेंगे कि जनता की जान का ख्याल रखते हुए शीघ्रातिशीर्घ इन कामों को रुकवाया जाए और युद्धस्तर पर जो गड्ढ़े इन्होंने किए हैं, वे भरवाए जाएं। साथ ही क्षेत्र के पार्षदों पर भी प्रश्न उठते हैं कि उनके क्षेत्र में नागरिकों के जीवन से साथ खिलवाड़ की संभावनाएं उत्पन्न हो रही हैं तो फिर वे चुप क्यों हैं।

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