लॉकडाउन की वजह से अभिभावकों की आर्थिक हालत हुई कमजोर: कमल प्रधान

भिवनी/मुकेश वत्स

 युवा कल्याण संगठन ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर प्रदेश के सभी कॉलेजों की फीस माफ करने की मांग की। संगठन ने राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन हुआ। जिसके चलते कॉलेजों में पढने वाले बच्चों व उनके परिजनों के समक्ष आर्थिक समस्या बन गई है। देश व प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है। जिसका असर आमजन पर भी पड़ा है। मांगपत्र के माध्यम से उन्होंने प्रदेश की सभी विश्वविद्यालयों में नियुक्त कुलपति व अन्य अधिकारियों को हायर एजुकेशन की शिक्षा पा रहे बच्चों की पूरी फीस माफ करने के निर्देश दिए। साथ ही अगले सत्र की भी फीस माफ की जाए, ताकि अभिभावक व बच्चों को फीस माफी से भी कुछ हद तक आर्थिक राहत मिल सके।

संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने बताया कि कई राज्यों ने (पंजाब, यूपी, उतराखंड, राजस्थान) ने हायर एजुकेशन हासिल करने वाले विद्यार्थियों की फीस माफ कर दी है। उसी तरह हरियाणा के सभी कॉलेजों में बीते सत्र व आने वाले सत्र की फीस माफ की जाए। उन्होंने बताया कि कोरोना के दौरान ही कई जगहों पर ओलावृष्टि भी हुई, बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की फसल तबाह हो गई है। कई गांवों में टिड्डियों ने किसानों की फसलों को चट कर दिया। ऐसे हालत में किसान के पास पैसे नहीं है। हालांकि वे बच्चों को पढाना चाहते है, लेकिन फीस न होने की वजह से बच्चों की पढाई बीच में ही छुड़वाने पर मजबूर हो रहे है। इसी प्रकार शहरों के छोटे व्यापारी,रेहड़ी लगाने वाले, कारखानों में कार्य करने वाले मजदूरों के बच्चे भी लाकडाउन की मार से नहीं पाए है। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लगने वाले लॉकडाउन से शहर व ग्रामीण इलाकों के लोग प्रभावित हुए है। जिसके चलते इन बच्चों की फीस माफ करना निहायत जरूरी है।

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