चंडीगढ़,7 अगस्त। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए 23 अगस्त को रखे गए टेस्ट को रद्द कर बर्खास्त पीटीआई को बहाल करने का रास्ता निकालने की मांग की है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने यह मांग करते हुए बताया कि बर्खास्त पीटीआई ने एसकेएस को बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय का 8 अप्रैल,2020 को भर्ती रद्द कर पुन: भर्ती करने का फैसला शिक्षा विभाग द्वारा माननीय न्यायालय में दी गई गलत जानकारी और सरकार द्वारा कमजोर पैरवी के कारण आया है। उन्होंने बताया कि माननीय कोर्ट ने खाली पदों के बारे हलफनामा देने के आदेश दिए। विभाग ने पद रिक्त होते हुए भी कहा कि उनके पास कोई रिक्त पद नही है। अगर सरकार मजबूत पैरवी करती और विभाग रिक्त पदों की सही जानकारी देता शायद ऐसा फैसला नही आता। उन्होंने बताया कि इस केस में जितने आवेदकों ने पीटीआई की पोस्ट के लिए आवेदन किया था,उन सभी पात्र अभ्यर्थियों ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा निर्धारित किए गए मापदंड अनुसार साक्षात्कार में भाग लिया था। उसके बाद मेरिट के आधार पर ही 1983 पीटीआई का चयन हुआ था। इस पुरे केस में एक ही कमी रही कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अंतिम निर्धारित किए मापदंड का सार्वजनिक नोटिफिकेशन नही किया हुआ है। हालांकि इसके बावजूद साक्षात्कार की सूचना सभी पात्र आवेदकों को दी गई थी और उन सभी ने भाग भी लिया था। उन्होंने बताया कि उपरोक्त तथ्यों को देखते हुए पीड़ित पक्ष ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है। उन्होंने सरकार से इसकी सुनवाई तक तो टेस्ट को रद्द करने की मांग की है। Post navigation हरियाणा सरकार फंसी भ्रष्टाचार के चक्रव्यूह में हरियाणा में बरोदा उपचुनाव बीजेपी- 2 की पहली परीक्षा