हरियाणा में प्राइवेट स्कूल(Private School) संचालक अभिभावकों के खिलाफ हुए लामबंद. फीस जमा ना कराने पर 16 अगस्त से ऑनलाइन होमवर्क बन्द करने की दी चेतावनी

बंटी शर्मा सुनारिया

कलानौर, प्राइवेट  स्कूलों में  अपने बच्चों को अभी तक  बिना फीस दिए  पढ़ाने वाले अभिभावकों  के खिलाफ अब स्कूल संचालक भी लामबंद हो गए है  प्राइवेट स्कूल प्रबंधको  ने  अभिभावकों  को अपने बच्चों की स्कूल में  फीस जमा करवाने के लिए 10 दिन का  अल्टीमेटम दिया है ।अगर किसी अभिभावक ने 15 अगस्त तक अपने बच्चों की फीस स्कूल में जमा नहीं करवाई तो 16 अगस्त से उनके बच्चो का नाम ऑनलाइन ग्रुप से तो हटाया ही जाएगा उसके साथ ही बच्चे का नाम स्कूल से भी काट दिया जाएगा ।

यह निर्णय कलानौर के प्राइवेट स्कूल संचालकों की एसजीडीएसडी स्कूल में हुई बैठक में प्रधान सुभाष रुहिल की अध्यक्षता में लिया गया बृहस्पतिवार को हुई बैठक में सभी बजट स्कूलों ने एक सुर में निर्णय  लेते हुए कहा कि माननीय उच्च न्यायालय व हरियाणा शिक्षा विभाग के आदेश के बाद कई बार  फीस जमा करवाने  की सूचना दिए  जाने के बाद भी   अभिभावक स्कूल में फीस जमा नही करवा रहे है। जिसके कारण स्कूलों के सामने आर्थिक संकट आन खड़ा हुआ है ।  खेती से जुड़े ,सरकारी नौकरी  या जिनके व्यवसाय पर कोरोना का  कोई असर नही पड़ा है वो अभिभावक भी अपने बच्चों की फीस स्कूल में जमा नही करवा रहे है ।

स्कूल संचालकों का कहना था कि स्कूल बसों की मासिक क़िस्त की अदायगी,लोन की किश्त, बस की पासिंग ,इंश्योरेंस ,बिजली का बिल ,ईएससीआई,पीएफ ,अध्यापको की सैलरी  , चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का वेतन ,ड्राइवर ,हेल्पर व स्कूल के अन्य खर्चे फीस पर निर्भर  करते है । गांव के  प्राइवेट  स्कूलों में तो स्थिति और भी दयनीय है ।वहां लोग गेंहू,धान,सरसों  और गन्ना की फसल बेचकर स्कूल में फीस जमा करवाते है । कोरोना महामारी के चलते स्कूल  बन्द होने के कारण अभिभावकों ने पिछले साल की बकाया फीस का भुगतान भी अभी तक नही किया है जिसके चलते स्कूलों के आगे सकंट आन खड़ा हुआ है ।इस अवसर पर दिनेश पुनिया ,पंकज कुमार,नवीन राठी,प्रदीप श्योराण,सुनील शर्मा ,अमरपाल परमार,संदीप कुमार,मनोज कुमार,मित्रपाल ,मांडूराम,सोनिया धींगड़ा व मुरारी लाल उपस्थित रहे ।

क्या कहना है प्रधान सुभाष रुहिल का

सरकार व माननीय हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी अभिभावक अपने बच्चों की फीस स्कूलों में जमा नही करवा रहे थे ।जिसके बाद सर्वसम्मति से नाम काटने का  निर्णय लिया गया है ।  शिक्षा विभाग ने भी अपने  आदेश में  अभिभावको को जून से  नियमित  फीस को जमा करवाने को कहा था और अप्रैल व मई की फीस को किश्तों में समायोजित करने को कहा था ।इसके बावजूद भी किसी अभिभावक ने किसी भी स्कूल को इस बाबत सूचित नही किया । माननीय हाई कोर्ट के आदेश अनुसार अगर कोई अभिभावक फीस की अदायगी नही कर सकता तो उसे भी 15 अगस्त तक  संबंधित स्कूल में प्रार्थना पत्र देना होगा जिसके बाद उसकी वेरिफिकेशन करवाई जाएगी  16 अगस्त को जिन बच्चों की फीस जमा नही होगी मजबूरी में उन बच्चों का नाम स्कूल से काटना ही पड़ेगा।

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