-कमलेश भारतीय

राजस्थान राॅयल्ज कांग्रेस और उपमुख्यमंत्री के बीच चल रहा रोमांचक मैच दिन-प्रतिदिन नये नये रूप दिखा रहा है । नये नये मोड़ आते जा रहे हैं । पर इनसे लोकतंत्र बहुत परेशान होता जा रहा है । कभी यह कोर्ट में , कभी राज्यपाल भवन के लाॅन में तो कभी रिसोर्ट तो कभी किले में परेशान नज़र आता है । इसका अपहरण नेताओं ने कर लिया है । यह छूट नहीं पा रहा । कैद में रखा जा रहा है । कसमसा रहा है छूटने के लिए पर कोई रास्ता नज़र नहीं आता ।

अभी मुख्यमंत्री अपने पाले के विधायकों को जैसलमेर के किले में ले गये हैं । मीडिया से मुलाकात में कह रहे हैं या अपील कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी , लोकतंत्र का तमाशा न बनाइए प्लीज । मेरी मन की बात समझिए । यह लोकतंत्र के हित में बिल्कुल नहीं । आपका पूरा गृह मंत्रालय राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने में बिजी है । सीधा सीधा नाम न लेकर अमित शाह की ओर संकेत कर रहे हैं । गृह मंत्री वही तो हैं । मुख्यमंत्री यह भी साफ साफ कह रहे हैं कि भाजपा विधायकों की खरीद फरोख्त का बड़ा खेल खेल रही है । कर्नाटक और मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान में यह पोलिटिकल आईपीएल आया है ।

वैसे यह नीतियों और विचारधारा की लड़ाई है लेकिन इसे लड़ने के तरीके बहुत अनैतिक हैं पर अब राजनीति में नैतिकता का क्या काम ? मोदी जी , राजस्थान का तमाशा बंद करवा दीजिए । गजेंद्र सिंह शेखावत की ऑडियो टेप सुन लीजिए और फैसला कीजिए । दूसरी ओर कांग्रेस और उपमुख्यमंत्री पद से हटाया गये सचिन पायलट एक बात कह कर अज्ञातवास में चले गये कि मैं भाजपा में शामिल नहीं होने जा रहा । अब निकम्मा और धोखेबाज जैसी बहुत सारी उपाधियां देने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत कह रहे हैं कि यदि हाईकमान इन बागी विधायकों को माफ कर देती है तो मैं भी इन्हें गले लगाने को तैयार हूं ।

लग जा गले कि फिर ये मुलाकात हो न हो ।
शायद इस जन्म में ,,,,
लग जा गले ,,,,

गले लगें या गले मिलें लेकिन सचमुच लोकतंत्र का तमाशा जरूर बंद करें ताकि स्वतंत्रता दिवस से पहले लोकतंत्र के चेहरे पर मुस्कान खिल उठे ,,,,

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