मोरनी में नौतोड़ की समस्या पर हाईकोर्ट में चल रही कार्यवाही की दी जानकारी

पंचकूला। किसानों व निवासियो को नौतोड़ का मालिकाना हक दिलवाने के लिए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका के याचिकाकर्ता व शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल मोरनी के गांव बेहलो में एक निजी गेस्ट हाउस में कोर्ट में चल रही कार्यवाही की जानकारी देने पहुंचे। दरअसल, मोरनी के विभिन्न गांवो के सरपंच, पूर्व सरपंचों व जिला परिषद में सदस्य रह चुके विभिन्न प्रतिनिधियों ने एक बैठक का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता करने के लिए विजय बंसल को आमंत्रित किया। कोरोना महामारी के चलते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठक में मौजूद लोगों ने मास्क पहनकर इलाके के बेहतर भविष्य की कामना की।

विजय बंसल ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज समय दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इलाके की प्रमुख नौतोड़ के मालिकाना हक की समस्या का समाधान करवाने का है जिसके लिए न्यायलय के माध्यम से हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है व सभी लोग एक बैनर तले एकजुट होकर आवाज उठाए।विजय बंसल का कहना है कि हाल ही में उपायुक्त द्वारा एक बैठक करके किसानों के हितों के साथ कुठाराघात करने का काम किया गया है। हालांकि मोरनी में हुई बैठक में मौजूद विभिन्न प्रतिनिधियों ने विजय बंसल द्वारा नौतोड़ की समस्या के समाधान के लिए कोर्ट व अन्य माध्यमो से किए गए प्रयासों की सराहना कर आभार भी व्यक्त किया।

विजय बंसल ने कहा कि 33 साल से मोरनी के हजारो किसान नौतोड़ का मालिकाना हक मिलने के लिए बंदोबस्त की राह देख रहे है परन्तु कमजोर राजनीतिक नेतृत्व व सरकारों की अनदेखी के कारण आज तक बंदोबस्त की कार्यवाही केवल कागजो तक ही सीमित रह गई।उनके द्वारा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में मोरनी नौतोड़ का मालिकाना हक दिलवाने के मामले में याचिकाएं दायर की हुई है जिसके नतीजे में सरकार ने मोरनी के लिए फारेस्ट सेटलमेंट आॅफिसर भी नियुक्त किया हुआ है।इतिहास पर नजर डाले तो 100 साल से 14 विभिन्न बॉसो के गांव के हजारो किसानों ने नौतोड़ जमीन को उपजाऊ योग्य बनाया है।इस मामले को लेकर विजय बंसल ने पुन: रिव्यू याचिका न 293/2019 दायर की हुई है व इससे पूर्व जनहित याचिका न 469/2017 के अंतर्गत हाईकोर्ट के समक्ष मोरनी के किसानों को नौतोड़ का मालिकाना हक दिलवाने के लिए मांग कर चुके है। पूरा मामला अभी कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है। हाल ही में विजय बंसल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर अफसरों की नाकामी की पोल खोलदी है।

विजय बंसल के अनुसार प्रभावशाली लोगों को फायदा पहुंचाने की नजर से उच्च नेताओ व अधिकारियो के संरक्षण में एक बैठक 11 मार्च 2020 व 13 मार्च 2020 को उपायुक्त पंचकूला की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमें विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे जिसके अंतर्गत किसानों के हितो को दरकिनार करते हुए अफसरों द्वारा नियमो को ताक पर रखकर 14 बासो के हजारो किसानों के 257 एकड़ की कुल भूमि पर गिरदावरी में नाम होने को अमान्य घोषित करने का फैसला लेकर रा’य सरकार को लागू करने की सिफारिश की गई।

विजय बंसल ने कहा कि यह मामला अभी हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है तथा 14 सितंबर 2020 को अगली सुनवाई निश्चित है। इसके साथ ही मोरनी नौतोड़ सम्बंधित मामलों को लेकर फारेस्ट सेटलमेंट अफसर नियुक्त किया हुआ है। ऐसे में नौतोड़ सम्बंधित फैसले लेने के लिए उपायुक्त सक्षम नही है परन्तु नियमो को ताक पर रखकर बंदोबस्त अधिकारी को नकारा गया और अफसरो द्वारा एक बैठक बुलाकर गिरदावरी में किसानों के हक को अमान्य घोषित करने का निर्णय लिया गया जोकि बिल्कुल गलत है। हाईकोर्ट के आदेशों पर नियुक्त फारेस्ट सेटलमेंट अफसर द्वारा मोरनी के 14 भोज कोटाहा में जमीनों की निशानदेही समेत असल मालिको को जमीन का कब्जा देने के लिए मध्यस्ता करने का निर्णय लेगा जबकि इस मामले में डीसी पंचकूला सक्षम नही है।उच्च न्यायलय में हरियाणा सरकार ने शपथपत्र देकर कहा हुआ है कि फारेस्ट सेटलमेंट अफसर को 1 करोड़ की राशि मंजूर करके सारा स्टाफÞ उपलब्ध करवाया हुआ है।

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