अमर सिंह की मृत्यु की खबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राजनाथ सिंह और देश के कई बड़े नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है. नई दिल्ली. पूर्व समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह का 64 वर्ष की उम्र में शनिवार को निधन हो गया. वो पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. किसी जमाने में अमर सिंह का नाम मुलायम सिंह यादव के काफी करीबियों में गिना जाता था. वो एक समय में समाजवादी पार्टी की नंबर दो पोजिशन के नेता भी रहे थे. हालांकि साल 2010 में पार्टी के सभी पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था. अमर सिंह की मृत्यु की खबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राजनाथ सिंह और देश के कई बड़े नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है. देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अमर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद श्री अमर सिंह के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. उनके परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना. अमर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘अमर सिंह जी एक ऊर्जावान सार्वजनिक व्यक्ति थे. पिछले कुछ दशकों में, उन्होंने करीबी तिमाहियों से कुछ प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम देखें. वह जीवन के कई क्षेत्रों में अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते थे. उनके निधन से दुखी, उनके दोस्तों और परिवार के प्रति संवेदना.’ अमर सिंह के निधन पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘वरिष्ठ नेता एवं संसद श्री अमर सिंह के निधन के समाचार से दुख की अनुभूति हुई है. सर्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी. स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंह जी को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें. उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.’ वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट किया, ‘राज्यसभा सांसद अमर सिंह जी के दुखद निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें. आरआईपी अमर सिंह जी.’ मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी एक जमाना था जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह उन पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन पार्टी की बागडोर अखिलेश के हाथों में आने के साथ ही अमर को किनारे कर दिया गया. हालांकि एक समय ऐसा था जब अमर सिंह को पार्टी के लिए उपयुक्त माना जाता था. नेटवर्किंग से लेकर तमाम अहम जिम्मेदारियों का दारोमदार उनके कंधों पर था. Post navigation लोकतंत्र की किलेबंदी,,,, किसान विरोधी अध्यादेशों का मकसद जमाखोरी चालू करो मंडी खत्म करो और खेती कंपनियों को सौंपो