नगर परिषद के पूर्व प्रधान रविंद्र रावल ने लगाया आरोप, कानूनी रूप से गलत है कमेटी

पंचकूला, 31 जुलाई । पंचकूला नगर परिषद के पूर्व प्रधान और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रविंद्र रावल ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में कहा है कि जिला उपायुक्त ने पंचकूला नगर निगम की वार्डबंदी का मसौदा तैयार करने के लिए जो कमेटी गठित की है, उसमें हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 के नियमों का उलंघन किया गया है। जिला उपायुक्त ने जो कमेटी गठित की है, उसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल न कर केवल भाजपा के प्रतिनिधि शामिल किए हैं। यह कानूनी रूप से गलत है और कमेटी में जानबूझकर दूसरे दलों के प्रतिनिधि इसलिए शामिल नहीं किए हैं ताकि भाजपा अपनी मर्जी से वार्डबंदी तैयार करवा सके। रावल ने कहा कि जिला उपायुक्त ने  सरकार के दबाव में जानबूझकर कमेटी में बहुमत सदस्य भाजपा के लिए हैं क्योंकि कमेटी ने बहुमत के आधार पर फैसला करना होता है और भाजपा के ज्यादा सदस्य हैं तो वह अपने तरीके से वार्डबंदी बनवा लेंगे। कमेटी में अफसर भी होते हैं मगर वे भी सरकार के अनुसार ही काम करते हैं। रावल ने कहा कि यह कमेटी निष्पक्ष कमेटी नहीं है बल्कि भाजपा कमेटी है। 

कमेटी का गठन नगर निगम अधिनियम की उल्लंघना

पूर्व प्रधान रविंद्र रावल ने कहा कि इस कमेटी का गठन इसलिए नगर निगम अधिनियम की उल्लंघना है क्योंकि मंत्रिमंडल के फैसले के बाद शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने कालका-पिंजौर को नगर निगम से बाहर कर दिया है। चूंकि पंचकूला नगर निगम की अधिसूचना जारी करने के बाद लोगों के दावे और आपत्तियां मांगनी चाहिए थीं। यह कानून जरूरी है। इसके अतिरिक्त जनसंख्या का स्पॉट डाटा भी नहीं लिया गया। मनमाने ढंग से  वार्डबंदी करने के लिए गैर कानूनी तरीके से भाजपा वाली कमेटी गठित कर दी। रावल ने कहा कि यह सत्ता का दुरुपयोग तो है ही साथ में वार्डों की संख्या तय करने के लिए जनसंख्या का सही आंकड़ा उपलब्ध होना जरूरी है। मगर आबादी का आंकड़ा न होने पर कमेटी कैसे वार्डबंदी करेगी? रावल ने मांग करते हुए कहा कि कमेटी का दोबारा से पुनर्गठन हो। अन्यथा वे  इसे अदालत में चुनौती देंगे।

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