भिवानी/मुकेेश वत्स  

प्रदेश सरकार चाहे जीरो टोलरेंस की बात करे, लेकिन देर सवेर कोई ना कोई अधिकारी या कर्मचारी काम करने की एवज में पैसे लेता पकड़ा ही जाता है। ताजा मामला भिवानी नगर परिषद का है जहां सबसे बड़ा अधिकारी ई.ओ को हिसार विजिलेंस टीम ने एक ठेकेदार से बिल पास करने की एवज में 35 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।

बताया जाता है कि नगर परिषद की गलियां बनाने वाले ठेकेदार विशाल यादव ने हिसार विजिलेंस में शिकायत दी थी कि भिवानी नगर परिषद का कार्यकारी अधिकारी (ई.ओ) दीपक गोयल उसके बिल पास करने के लिए 35 हजार रुपये मांग रहा है। ठेकेदार की शिकायत पर हिसार विजिलेंस के डीएसपी विजेन्द्र अत्री अपनी टीम के साथ देर शाम भिवानी नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी के कार्यालय पहुंचे और ई.ओ से पुछताछ शुरु की।

ठेकेदार विशाल यादव का कहना है कि ईओ ने पहले भी बिल पास करने के लिए उससे 46 हजार रुपये लिए थे। इस बार भी जब पैसे मांगे तो शिकायत हिसार विजिलेंस को दी। वहीं जांच के बाद विजिलेंस के डीएसपी विजेन्द्र अत्री ने बताया कि ठेकेदार की शिकायत पर ईओ के पास पहुंचे और ईओ दीपक गोयल को 35 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया है। इस पूरे मामले पर जब आरोपित ईओ दीपक गोयल से बात की तो उन्होने सभी आरोपों को गलत बताया और कहा कि मेरा तबादला हो गया है।

नगर परिषद के चेयरमैन व ठेकेदार ने फोन करके मुझे बुलाया था, लेकिन ठेकेदार द्वारा बार-बार प्रार्थना करने पर उसके बिल पास कर दिए पर कोई पैसा नहीं लिया। आरोपित ईओ ने कहा कि पैसे खुद ठेकेदार ने विजिलेंस टीम को एक तकीये व एक कप के बॉक्स के निचे से निकाल कर दिए हैं।

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