भिवानी/शशी कौशिक  

बर्खास्त पीटीआई की बहाली का विकल्प तलाशे सरकार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अध्यादेश नहीं लाया जा सकता तो बिजली मंत्री की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय कमेटी क्या काम करेगी? यह सवाल सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा राज्य आडिटर संदीप सांगवान ने उपायुक्त कार्यालय पर बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों के चल रहे धरने को सम्बोधित करते हुए किया।

उन्होने सरकार से इधर-उधर की बातें करने की बजाय बर्खास्त 1983 पीटीआई की बहाली के विकल्प तलाशने की मांग की। सरकार बर्खास्त पीटीआई की सेवाएं बहाली के ठोस विकल्प ढूंढने की बजाय एडवोकेट जनरल व विधि परामर्शी से सलाह करने के नाम पर आंदोलन को लम्बा करके पीटने का असफल प्रयास कर रही है। बर्खास्त पीटीआई की बहाली व जनसेवाओं के किए जा रहे नीजिकरण के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ 9 अगस्त को राज्यभर में सत्याग्रह किए जायेंगे। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर इसी सप्ताह में बर्खास्त निर्दोष पीटीआई की बहाली नहीं की तो प्रदेश का तमाम किसान, मजदूर, कर्मचारी, छात्र, महिला संगठनों के प्रतिनिधि बैठक कर प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

सकसं जिला अध्यक्ष सुखदर्शन सरोहा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेन्द्र दिनोद, हेमसा राज्य सचिव राजेश लाम्बा ने 038 मृतक पीटीआई के आश्रितों को मिलने वाली मासिक वित्तीय सहायता बंद करने के फैसले को शर्मनाक व संवेदनहीनता बताया और तुरन्त प्रभाव से इस फैसले का वापिस लेने की मांग सरकार से की। अगर समय रहते मानवीय आधार व अनुभव को देखते हुए पीटीआई शिक्षकों को बहाल नहीं किया गया तो सभी कर्मचारी मिलकर बडे आंदोलन की घोषणा करेंगे।

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