-भाजपा को अब जेजेपी का साथ मिला है तो इनेलो बढ़े जनाधार के साथ देगी चुनौती, -भाजपा योगेश्वर दत्त पर लगा सकती है दोबारा दांव, टिकट की लाइन में कैप्टन अभिमन्यु भी, -कांग्रेस और इनेलो अभी चुप

ईश्वर धामु 

चंडीगढ़। भाजपा ने ओम प्रकाश धनखड़ को प्रदेश प्रधान बना कर कांग्रेस, इनेलो और जेजेपी के जाट नेताओं के समाने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी। इससे एक नीति तो स्पष्ट है कि भाजपा बरोदा उप चुनाव में जाट मतदाताओं को रिझाना चाहती है। इतना ही नहीं जो जाट मतदाता चुनाव के समय भाजपा से जुड़े थे और अब उनका भाजपा से मोह भंग होने लगा था, ऐसे जाट मतदाताओं के बारे में पार्टी को जाट जनाधार के खिसकने भय सताने लगा था। इसी नुकसान को रोकने के लिए भाजपा ने प्रदेश की कमान ओम प्रकाश धनखड़ को सौंपी। भाजपा ने साफ संकेत दे दिया है कि पार्टी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और अभय चौटाला को टक्कर देने को तैयार है और उन्ही की जाटलैंड में अब भाजपा ताल ठोकेगी।

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चर्चाकारों का कहना है कि भाजपा ने बरोदा उप चुनाव के लिए जो रणनीति तैयार की है, वो रोहतक लोकसभा चुनाव फार्मूले पर रहेगी। जिस तरह से रोहतक लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जाट प्रत्याशियों के मुकाबलें में गैर-जाट ब्राह्मण प्रत्याशी अरविंद शर्मा को मैदान में उतार कर जीत हासिल की थी, उसी तरह इस बार बरोदा उप चुनाव में भी भाजपा जाट और गैर-जाट को आधार बना कर चुनाव में जीत हासिल करना चाहेगी। इसीलिए अब फिर से पूर्व में प्रत्याशी रह चुके योगेश्वर दत्त पर ही दांव लगायेंगी?

हालांकि पहले चर्चा जाट को मैदान में उतारने की रही है। जाट नेताओं में बरोदा उप चुनाव में टिकट चाहने वालों की लाइन में पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु अभी भी एक नम्बर पर चल रहे है। प्रदेश प्रधान पद की दौड़ मे रहे कैप्टन अभिमन्यु के अलावा कपुर सिंह, वजीर सिंह नरवाल के नाम भी चर्चाओं में चल रहे हैं। इनमें वजीर सिंह नरवाल सोनीपत से सांसद रमेश कौशिक के विश्वसनीय है और केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह के माध्यम से टिकट चाह रहे हैं। युवाओं पर नरवाल की पकड़ बताई जा रही है। पर अगर भाजपा रोहतक फार्मूले पर चुनाव लड़ती है तो पुन: योगेश्श्वर दत्त को प्रत्याशी बनाया जा सकता है।

पिछला चुनाव योगेश्वर दत्त 4840 वोटों से ही कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकृष्ण हुड्डा से हारे थे। जबकि इस बार राजनैतिक हालात बदले हुए हैं। जंहा 2019 के विधानसभा चुनाव में बरोदा से जेजेपी मुकाबले में थी, अब वो भाजपा की सत्ता में सहयोगी पार्टी है। दोनो पार्टियों ने मिल कर उप चुनाव लडऩे की घोषणा भी कर दी है। आम चुनाव में जेजेपी का भूपेन्द्र मलिक प्रत्याशी थे और उन्होने 32480 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार जेजेपी का साथ मिलने से निसंदेह भाजपा को तो लाभ होगा ही। लेकिन जंहा इस उप चुनाव में भाजपा को जेजेपी का साथ मिला है तो दूसरी ओर इनेलो ने अपना जनधार को बढ़ाया है तो उसको इसका लाभ उप चुनाव में मिलना निश्चित है। जंहा भाजपा की ओर से योगेश्वर दत्त को प्रत्याशी बनाए जाने के संकेत मिल रहे हैं, वहीं कांग्रेस और इनेलो ने प्रत्याशी को लेकर कोई संकेत नहीं दिए हैं।

चर्चाकारों का कहना है कि अगर किन्ही हालातों में भाजपा कैप्टन अभिमन्यु को बरोदा के उप चुनाव में उतारती है तो कांग्रेस ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की धर्मपत्नी आशा हुड्डा को प्रत्याशी बना सकती है। बताया गया है कि कांग्रेस के एक सर्वे के अनुसार आशा हुड्डा चुनाव मैदान में आती है तो वो भारी वोटों से चुनाव जीत सकती है। लेकिन अभी तक यें सभी बातें अंदरखाते ही चल रही है और सभी कुछ सम्भावनाओं और कयासों पर चर्चाओं में हैं। किसी भी पार्टी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उम्मीद की जाती है कि भाजपा अपने संगठन के नए पदाधिकारियों की घोषणा के बाद ही उप चुनाव पर चर्चा करेगी