राजस्‍थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने किया ऐलान है कि कांग्रेस सोमवार को देशभर के राजभवनों के बाहर प्रदर्शन करेगी, लेकिन राज्‍य में रहेगी दूर .

 राजस्थान के सियासी घमासान के बीच हर पल घटनाक्रम बदल रहा है. इस बीच, राजस्‍थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ऐलान किया है कि कांग्रेस सोमवार को देशभर के राजभवनों के बाहर प्रदर्शन करेगी, लेकिन राज्‍य में वो इससे दूर रहेगी. आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने विधानसभा सत्र बुलाने में देरी के चलते सोमवार को राजभवन का घेराव करने का ऐलान किया था और सुबह 11 बजे से यह प्रस्तावित था, जिसमें सीएम अशोक गहलोत, राजस्‍थान के प्रभारी अविनाश पांडे, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, सभी मंत्री विधायक, पूर्व पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के शामिल होने का ऐलान किया गया था. हालांकि कांग्रेस ने अब अपनी रणनीति बदल दी है.

डोटासरा ने कही ये बात

राजस्‍थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस कल देश के सभी राज्यों में स्थित राजभवन का घेराव करेगी ,लेकिन राजस्थान में राजभवन का नहीं घेराव नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्‍होंने कहा कि सोमवार को सेव डेमोक्रेसी, सेव संविधान के अभियान के तहत कांग्रेसी प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा डोटासरा ने कहा कि हमने महामहिम को कैबिनेट का रिवाइज्ड नोट भेज दिया है और उम्मीद करते हैं कि वे जल्द सत्र आहूत करने की स्वीकृति देंगे.

कांग्रेस ने राज्‍यपाल पर लगाया आरोप

बहरहाल, सियास संकट के बीच कांग्रेसने रविवार को भी राज्यपाल कलराज मिश्र पर दबाव बनाए रखा है. कांग्रेस ने राज्यपाल पर आरोप लगाया है कि वह पक्षपाती ढंग से काम कर रहे हैं और केंद्र में बैठे अपने ‘मास्टर्स’ की बात हू-ब-हू कह रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि राज्य सरकार (काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स) की सहायता और सलाह से कोई भी फैसला करने को राज्यपाल बाध्य होते हैं, लेकिन राजस्थान के राज्यपाल केंद्र में बैठे अपने मास्टर्स की आवाज सुन रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यपाल ने विश्वास दिलाया था हमें कि संविधान की मर्यादाओं का पालन करेंगे. उन्होंने पूछा कि कांग्रेस पार्टी तो कई कारणों से विधानसभा का सत्र बुलाना चाहती है. पुडुचेरी में सत्र हुआ, बिहार और महाराष्ट्र में हो रहा है, तो राजस्थान में क्या दिक्कत है.

इसी क्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. प्रियंका ने सोशल मीडिया के जरिए हमला करते हुए कहा है कि राजस्थान संकट को देखते हुए बीजेपी की मंशा साफ है, वह चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश कर रही है. प्रियंका गांधी ने कहा कि देश अभी कोरोना वायरस के संकट के दौर से गुजर रहा है. देश को अभी जनहित में काम करने वाले नेतृत्व की जरूरत है, लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार ने जनता द्वारा चुनी गई सरकारों को गिराने की कोशिश कर अपनी मंशा और चरित्र साफ कर दिया है. जनता इसका जवाब जरूर देगी.

4 बार विधानसभा में लाया गया विश्वास प्रस्ताव

इन दिनों प्रदेश की सियासत में सरकार सत्ता में बहुमत के आधार पर है या नहीं है इसको लेकर भी अपने अपने अटकलें लगाई जा रही हैं. इतिहास के पन्नों को खंगालने पर पता चलता है कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाता है, पर ऐसा नहीं है, सत्ता पक्ष भी विश्वास प्रस्ताव लाकर सरकार में बने रहने का दावा पेश करता है. राजस्थान विधानसभा के इतिहास के पन्नों को देखने पर पता चलता है कि विभिन्न सरकारों की ओर से अब तक 4 बार विश्वास प्रस्ताव सदन में लाया गया है. इन चार बार के विश्वास प्रस्ताव में तीन बार तो अकेले भैरों सिंह शेखावत सदन में लेकर आए हैं और विश्वास प्रस्ताव को पारित कराने में सफल हुए हैं. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी पूर्व की सरकार यानी साल 2009 से 2013 के बीच में एक बार विश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे और वह भी प्रस्ताव को पास करवाने में सफल हुए. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार भी इतिहास अशोक गहलोत के लिए मददगार होगा.