रमेश गोयत

चंडीगढ़,24 जुलाई। हाईकोर्ट के निर्णयों के बावजूद पिछले 8 सालों से जेबीटी शिक्षकों की भर्ती न होने से पात्रता परीक्षा पास  किए बेरोजगारों में भारी निराशा है। प्रदेश में करीब 90 हजार उम्मीदवारों ने जेबीटी पात्रता परीक्षा पास की हुई है। यह पात्रता परीक्षा केवल साल साल के लिए ही मान्य है, इस अवधि में अगर नौकरी नही लगी तो यह पात्रता प्रमाण पत्र स्वत: ही अमान्य हो जाएगा।

पिछले 8 सालों से जेबीटी शिक्षकों की भर्ती न होने से जुलाई 2020 में हजारों बेरोजगार उम्मीदवारों की पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण प्रेरणा पत्थर बिना अवसर मिलें ही समाप्त हो जाएगी। जिनको दोबारा पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ेगी। जो काफी कठिन कार्य है। कर्मचारियों के प्रमुख संगठन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले और मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के सार्वजनिक तौर पर दिए आश्वासनों के बावजूद जेबीटी शिक्षकों की नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू न करने की घोर निन्दा की है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने पद रिक्त होते हुए पिछले 8 सालों से जेबीटी शिक्षकों की भर्ती न करने को पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किए हुए करीब 90 हजार बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक करार दिया है। जिसको किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि 25 जुलाई को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की रोहतक में होने जा रही राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे को लेकर आंदोलन की कोई रणनीति बनाई जाएगी।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के व महासचिव सतीश सेठी और हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष सीएन भारती व महासचिव जग रोशन ने बताया कि विभाग में प्राथमिक शिक्षकों के करीब 9 हजार पद स्वीकृत हैं। इन स्वीकृत पदों के विरुद्ध 6048  गेस्ट टीचर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि जिन पदों पर गेस्ट टीचर कार्यरत हैं,उन पदों को रिक्त मानने की बजाय भरा हुआ माना जाना चाहिए। इसके बावजूद 3048 पद रिक्त पड़े हुए हैं।

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