भिवानी/धामु । नटराज कला मंच भिवानी ने अपनी तीन सहयोगी संस्थाओं लायंस क्लब भिवानी सुरभि , अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कौंसिल व आइएमए हरियाणा की राज्य इकाई के संयुक्त तत्वावधान में अपना 52 वां कार्यक्रम आयोजित किया। ये कार्यक्रम था ‘संगीत योद्धा’ जिसे कोरोना काल के चलते ऑनलाइन आयोजित किया गया। नटराज कला मंच के संस्थापक अध्यक्ष डॉ करन पूनिया ने बताया कि कोरोना काल में अवसाद, नकारात्मकता से कलाकारों को उभारने के लिए और उनकी सृजनात्मक शक्तियों को पुनर्जीवित करने के लिए नटराज कला मंच ने इन संस्थाओं के साथ मिलकर इस ऑनलाइन संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया। कोरोनाकाल के इस अवसाद को बेहतरीन नगमों से इन संगीत योद्धाओं ने मात दी । कार्यक्रम संयोजिका डॉ वन्दना पूनिया ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 15 गायक,गायिकाओं ने भाग लिया जिनमें से प्रथम 10 को फाइनल राउंड के लिए चुना गया। इस ऑनलाइन संगीत प्रतियोगिता के निर्णय की ज़िम्मेदारी 10 निर्णायकों को सौंपी गई थी जिनमे सर्व श्री डॉ तरसेम लाल शर्मा पंचकूला ,डॉ ज्ञानेंद्र नाथ त्रिपाठी ,डॉ शिवकांत शर्मा ,श्री प्रवीण विज जीरकपुर ,मैडम मंजीत मरवाह दिल्ली , डॉ वंदना पूनिया, रोहतक से श्री सुरेन्द्र शर्मा , प्रो धीरज त्रिखा, प्रो श्याम वशिष्ठ एवम श्री कुलभूषण शर्मा भिवानी का निर्णायक मंडल शामिल रहा । इस प्रतियोगिता में प्रथम दस स्थान पर रहने वाले कलाकारों के नाम व गानों के बोल इस प्रकार हैं 1 शीतल चहल (तूने ओ रंगीले कैसा जादू किया) 2 सूरज कुमार (अभी मुझमें कहीं बाक़ी थोड़ी सी है) 3 राजेश बजाज (याद न जाए बीते दिनों की ) 4 संजय दुआ ( बरखा रानी ज़रा जम के बरसो) 5 बेबी रानी (तुम आए तो आया मुझे याद ) 6 राधेश्याम ( मेरा जीवन कोरा कागज़) 7 विपुल अरोड़ा ( फिर ले आया दिल मजबूर क्या कीजै) 8 हरपाल यादव (कहीं दूर जब दिन ढल जाए 9 शुभम शर्मा ( रात कली एक ख़्वाब में आई) 10 प्रकाश अंचल ( मंज़िलें अपनी जगह हैं,रास्ते अपनी जगह) इसके साथ ही चंद्रप्रकाश , कविश धेमला , मनीष कुमार , विजय सोनी व कुमारी देवांशी ने बेहतरीन ऑनलाइन प्रस्तुति दी । प्रोफेसर कृष्ण यादव , लायन नरेंद्र अग्रवाल , लायन उमेद सिंह पूनिया , मंच के पदाधिकारियों ने बताया कि सभी कलाकारों को उचित समय पर उचित मंच से सम्मानित किया जाएगा । Post navigation गांव निमड़ीवाली की महिलाएं शराब ठेका बंद करवाने के लिए पहुंची उपायुक्त के पास युग बदला, मगर नहीं बदली त्यौहार मनाने की परंपरा