भिवानी/मुकेश वत्स  

कांग्रेस नेत्री सविता मान ने कृषि से जुड़े तीन अध्यादेशों को किसान विरोधी बताते हुए मांग की कि अध्यादेशों में किसान विरोधी नियमों को केंद्र की मोदी सरकार वापिस ले। ये अध्यादेश किसान को बर्बाद कर देंगे। यदि इसे लागू किया गया तो किसान आज़ादी से पहले वाली गरीबी के कुचक्र में फंस जाएगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से जुड़ा फॉर्मर्स अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस ऑर्डिनेंस से किसान गरीबी के दलदल में फंसकर अपने ही खेत में मजदूर बन जायेगा।

सविता मान ने कहा कि सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की जो गाइडलाइन जारी की है जिसमें कहीं भी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई जिक्र नहीं है। महामारी के इस दौर में किसानों को राहत देने की बजाय केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ाने के बाद तीन कृषि अध्यादेश लाकर किसान को पूरी तरह बर्बाद करने का फैसला लिया है। इस अध्यादेश के बाद किसान के खेत पर कंपनियां खेती करेंगी और किसान की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी। किसान अपनी ही जमीन पर कंपनियों के मजदूर बन जाएंगे और किसानी का अपना वजूद ख़त्म हो जाएगा।

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