गुरूग्राम, 20 जुलाई। गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री के निर्देशानुसार गुरूग्राम शहर मंे कोरोना संक्रमण की दृष्टि से बनाए गए 9 एलओआर क्षेत्रों में 15 जुलाई से लेकर अब तक 8219 रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 216 की रिपोर्ट पाॅजीटिव आई है। आज सोमवार को भी इन्ही क्षेत्रों में 12 अलग-अलग स्थानों पर 1247 रैपिड एंटीजन टैस्ट किए गए जिनमें से 31 की रिपोर्ट पाॅजीटिव आई है। जिला प्रशासन की रणनीति के अनुसार ज्यादा संक्रमण वाले क्षेत्रों पर फोकस करके वहां पर टेस्टिंग की जा रही है ताकि पाॅजीटिव पाए जाने वाले व्यक्तियों को अलग करके संक्रमण को और ज्यादा फैलने से रोका जा सके। सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव ने कहा कि इन क्षेत्रों में जिन लोगों को कोविड-19 के लक्षण अपने अंदर दिखाई दे रहे हैं वे अपना टैस्ट निःशुल्क करवाने के लिए एंटीजन टेस्टिंग सैंटर में पहुंचे। इन सैंटरों पर निःशुल्क टेस्ट किया जा रहा है। ऐसे लोगों की स्वास्थ्य जांच को लेकर क्षेत्रवार टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों ने आज अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर कोविड संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की। आज लगभग 1247 कोरोना संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई जिनमें से 31 व्यक्तियों की टैस्ट रिपोर्ट पाॅजीटिव आई है। उन्होंने बताया कि यह अभियान 29 जुलाई तक चलाया जाएगा जिसका तिथिवार शैड्यूल तैयार किया गया है। इस शैडयूल की प्रतियां हर एंटीजन टेस्टिंग सैंटर के बाहर चस्पा की गई हैं ताकि लोगों को पता चल सके। इसके अलावा, कैंप में अन्य प्रकार के मरीजों के लिए एक डाॅक्टर की ओपीडी के लिए भी ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि जिला के जिन 9 बड़े प्रकोप वाले क्षेत्रांे में आज कैंप लगाए गए उनमें राजीव नगर ईस्ट में पड़ने वाले सीपीएस स्कूल अशोक विहार फेज-3 में कैंप लगाया गया। आज अंबेडकर भवन स्थित चंद्र व्हाईट हाउस पीजी, पालम विहार एच ब्लाॅक स्थित गुरूद्वारा साहिब कुंज, यूपीएचसी लक्ष्मण विहार, कम्युनिटी सैंटर सैक्टर-23 मुल्लाहेड़ा,पटेल नगर धरवाल नगर प्रताप नगर ,आनंद पार्क शिवाजी नगर , प्रियंका पब्लिक स्कूल रोड़ मानेसर, मनोहर नगर धर्मशाला फिरोजगांधी काॅलोनी , सैक्टर-83 भांगरौला स्थित मापसो मेन गेट कासाबेला, सोहना शिवकुंड, तथा डीएलएफ फेज-2 स्थित चंद्रलोक में कैंप लगाये गए। इनमें एक डीईओ के अलावा, एक-एक डाॅक्टर, 2 एमबीबीएस स्टूडेंटस, एक नर्सिंग स्टूडेंट तथा एक सुपरवाइजरी इंचार्ज तथा एक-एक लैब टैक्नीशियन (एलटी) नियुक्त किया गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए अब जिला प्रशासन द्वारा रूपरेखा तैयार की गई है। इस रूपरेखा के अनुसार एलओआर क्षेत्रों पर फोकस करके उनका दायरा और घटाना है। फिर धीरे धीरे एलओआर को खत्म करना है। इन क्षेत्रों में अनावश्यक आवागमन पर प्रतिबंध है। इस दौरान सभी लोगों के स्वास्थ्य की जांच के लिए सघन टेस्टिंग तथा ट्रेसिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है कि सामाजिक आर्थिक गतिविधियों पर कम से कम प्रतिकूल प्रभाव पड़े । इन क्षेत्रों मे ऐसी औद्योगिक गतिविधियां चलाने की अनुमति है जिनमें श्रमिकों के ठहरने की व्यवस्था हो या किसी नजदीक स्थान से श्रमिक वहां पहुंच सके। Post navigation … यह कैसा सम्मान, जनाब जोखिम में मत डालो जान ! … कोरोना कोविड 19 का सीधा देहात पर आघात !