7-8 -9 अगस्त को रहेगी हड़ताल पर हरियाणा प्रदेश की 20 हजार आशा वर्कर्स चंडीगढ़,18 जुलाई। आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा की राज्य अध्यक्ष प्रवेश एवं राज्य महासचिव सुरेखा ने कहा कि करोना महामारी में जमीनी स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दे रही आशा वर्कर्स की समस्याओं पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। मिशन डायरेक्टर, स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री को बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद भी अधिकारी एवं सरकार यूनियन से बात नहीं कर रहे हैं और ना ही समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। अंतत: आशाओं को संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ा है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि हम उचित शारीरिक दूरी रखें, मास्क लगाकर रखें, कोरोना संक्रमितों की समय पर पहचान करें, उन्हें बाकी लोगों से अलग-थलग करें, ज्यादा से ज्यादा लोगों के टेस्ट कराएं तो इस संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सकता है, और धीरे-धीरे संक्रमण को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि लोगों में लक्षण पहचानने, लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री जानने, ट्रेवल करके आए लोगों को अलग-थलग करने, लक्षण वाले लोगों के टेस्ट कराने, वायरस के बारे में लोगों को जागरूक करने, हाई रिस्क लोगों की पहचान करने का काम स्वास्थ्य विभाग के ढांचे में सबसे निचले पायदान पर काम कर रही आशा वर्कर्स के हिस्से आया है। कोरोनावायरस से जंग लड़ने में यह काम अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वयं सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि कोरोनावायरस की रोकथाम में यदि आशा वर्कर इतनी मुस्तैदी और सक्रियता से काम नहीं करती तो संक्रमण की रफ्तार और भी अधिक हो सकती थी। इस तरह से कोरोनावायरस से लड़ने में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आशाओं के कंधों पर है जो 100 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 10 लाख और हरियाणा में 20 हजार आशा वर्कर्स काम कर रही हैं। कोविड-19 के दौरान आशा काम के घंटे लगभग डबल हो गए हैं, इन्हें रोजाना 6 से 7 घंटे फील्ड में कोविड-19 का सर्वे करना होता है और फिर वह रिपोर्ट अपने विभाग में जमा करवानी होती है। आशा द्वारा किए गए सर्वे और तैयार की गई रिपोर्ट अधिकारियों को कंसोलिडेट ना करना पड़े इसलिए आशाओं पर बार-बार आॅनलाइन काम करने का दबाव बनाया जाता रहा है। आशाओं के लिए स्पेशल गआशा सर्वेक्षण ऐपग लॉन्च किया गया। लेकिन आशाओं को विभाग द्वारा कोई फोन नहीं दिया गया, कोई इंटरनेट कनेक्शन नहीं दिया गया और ना ही उन्हें डिजिटली काम करने की कभी कोई ट्रेनिंग दी गई। Post navigation डॉ रमेश पूनिया ने किया फिर बड़ा खुलासा : भ्रष्ट व्यवस्था एवं चाटुकारिता अफसरशाही के खिलाफ लड़ना मुशिकल: डॉ रमेश पुनिया सरकारी स्टेडियम व प्राइवेट जिम को नियमों के साथ खोले सरकार: नफे सिंह राठी