पचंकूला 15 जुलाई- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की है कि हरियाणा प्रदेश की आर्थिक स्थिति के बारे में एक श्वेत पत्र जारी किया जाए ताकि प्रदेश की जनता को भाजपा सरकार की वास्तविकता  के बारे में पता चल सके।

जिस प्रकार से  प्रदेश को  कर्ज  के दलदल में डूबोने का काम किया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियां भाजपा को कभी भी माफ नहीं करेंगी। चन्द्र मोहन ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर , जिनके पास वित्त विभाग भी है, उनकी अदूरदर्शी सोच और कुप्रबंधन का ही परिणाम है कि हरियाणा में कांग्रेस शासन कालसे पांच गुना कर्ज में डूबो कर आज पैदा होने वाले बच्चे को भी लगभग  62000 रुपए  का कर्जदार बनाकर यह सिद्ध कर दिया है कि अगर यही गति बनी रही तो यह कर्ज बढ़कर एक लाख के पार हो जायेगा।

उन्होंने इस कर्ज की व्याख्या करते हुए कहा कि सरकार के दावे के अनुसार अप्रैल 2020 तक हरियाणा प्रदेश पर कर्ज बढ़कर लगभग एक लाख 85 हजार 548 तक पहुंच गया है। अगर वर्तमान सरकार के कर्ज की तुलना कांग्रेस सरकार की पिछले 10 वर्षों  की तुलना में भाजपा सरकार ने 6 वर्षों  के दौरान 1 करोड़ 25 हजार 255 करोड़ रुपए का  कर्ज लिया है।

चन्द्र मोहन ने कहा कि? 31 मार्च  2000 में आज से 20 वर्ष पहले राज्य सरकार पर कर्ज केवल मात्र 8152 करोड़ रूपए था और 6 वर्ष पहले 31 मार्च 2014  को 60 हजार 293 करोड़ था, वह आज तीन गुना से अधिक बढ़कर 1 लाख 85 हजार  548 करोड़ तक पहुंच गया है। इससे सहज रूप से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की आर्थिक हालत क्या हो गई है।

चन्द्र मोहन ने पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा लिएगए प्रत्येक वर्ष औसतन कर्ज का उल्लेख करते हुए कहा कि ओमप्रकाश चौटाला ने  वर्ष 2000 से वर्ष 2004 तक कुल कर्ज चार सालमें  लगभग 2183 करोड़ रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से लिया गया। इसी प्रकार भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के 10 साल के शासनकाल के दौरानप्रतिवर्ष  औसतन  लगभग 4296 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया, जबकि भाजपा के 6 वर्षों के शासनकाल में प्रतिवर्ष 20876 करोड़रुपए का औसतन कर्ज लिया गया है। इससे सरकार की वास्तविक आर्थिक स्थिति का सहज रूप से ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

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