बिजली निगम में स्थायी रूप से कार्यरत एसए महिला कर्मचारियों को छुट्टी नहीं दी जा रही: मंजीत इंदौरा

भिवानी/मुकेश वत्स

 अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कर्मचारी यूनियन की बिजली निगम के  सिटी यूनिट द्वारा एक्सईन के खिलाफ तीसरे दिन बुधवार को भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। धरना अध्यक्षता सिटी यूनिट उपप्रधान मंजीत इंदौरा ने की तथा मंच संचालन तोशाम सचिव रणबीर सिंह ने किया।

धरना प्रदर्शन में मुख्यरूप से राज्य कार्यकारिणी से जगजीवनराम, सुभाष तालु, सुरेंद्र तालु, प्रदीप रंगा, राजकुमार तोशाम, जोगेंद्र, रामपाल कटारिया, बालकिशन जेई, मंजीत इंदौरा, जिले सिंह जेई आदि पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने धरने में अपना विरोध जताया।

उपप्रधान मंजीत इंदौरा ने बताया कि अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग से संबंधित कर्मचारियों के साथ पक्षपात, भेदभाव एवं जान बूझकर पद व शक्तियों का दुरूपयोग करके कर्मचारियों के काम न करना उत्पीडऩ एवं प्रताडि़त करना रहा। एक्सईन सिटी द्वारा जाति तौर पर अपने चहेतों, रिश्तेदारों को जोकि तकनीकी कर्मचारी है। उनको दफ्तरों में बैठाकर फ्री में तनख्वाह दी जा रही है। जबकि फील्ड में तकनीकी कर्मचारियों की कमी है और तकनीकी कर्मचारियों की फील्ड में कमी होने के कारण रोजाना कर्मचारी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं और निगम का कार्य करते हुए शहीद हो जाते हैं।

33केवी हुडा सब-सटेशन पर कार्यरत पिछड़ा वर्ग से संबंधित महिला कर्मचारियों को लगातार परेशान एवं प्रताडि़त किया जा रहा है। निगम में स्थायी रूप से कार्यरत एसए महिला कर्मचारियों को छुट्टी तक नहीं दी जा रही, इनको छुट्टी देने से साफ मना कर दिया गया, जोकि इंसानियत एवं निगम ही हिदायतों को मारने के बराबर है। निगम हिदायतों के अनुसार एक सब-स्टेशन पर पांच का स्टाफ लगाया जाना चाहिए। जबकि एक्सईन सिटी निगम की सभी हिदायतों को ताक पर रख कर कहीं तो 10 कर्मचारी लगाए गए है और कहीं पर केवल 3 या 4 कर्मचारी ही लगाए गए है। इसके साथ-साथ बड़ी निंदा की बात है कि कई कर्मचारियों को तो ऐसे स्थान पर लगा रखा है, जहां पर पद संैक्सन ही नहीं है।

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