अशोक कुमार कौशिक

नारनौल। नारनौल नगरपरिषद अकसर सुर्खियों में रहती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया जहाँ शहर में बिना नक्शा पास हुए एक भवन निर्माण जोर शोर से किया जा रहा था। मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो मीडिया ने नगर परिषद के जेई विकास कुमार से मामले को जानकारी चाही।

जेई विकास कुमार ने बताया कि भवन निर्माण के नक्शे की फाइल लगा दी गयी है और फीस जमा करवा दी गयी है लेकिन जब जेई विकास कुमार  से पूछा गया कि क्या सिर्फ नक्शे के लिए अप्लाई मात्र से ही भवन निर्माण हो सकता है तो जेई खुद के बनाये नियमो का पाठ पढ़ाने लगे और बाद में कार्यवाही करने की बात कहीं। लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जेई ने अपना भाईचारा निभाते हुए कोई कार्यवाही नहीं की।

जब इस मामले को लेकर जिला महेंद्रगढ़ के उपायुक्त आरके सिंह से बात की गई और मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो उपायुक्त महोदय द्वारा इस पर नियम अनुसार आवश्यक कार्यवाही का भरोसा दिलाया गया।

गौरतलब है कि जेई विकास कुमार शर्मा को एक बीजेपी के वरिष्ठ नेता का आशीर्वाद प्राप्त है । इसके अलावा यह जेई नगरपरिषद में डीसी रेट पर ही कच्चे कर्मचारी है। अगर पूर्व के मामलों की गहनता से जांच की जाए तो गड़बड़ झाला की नई लिस्ट उजागर हो सकती है। यहाँ के बिल्डर्स द्वारा बनाये गए आलीशान व्यापारिक और गैर व्यापरिक भवनों में खामियों का बहुत बड़ा जखीरा सामने आएगा, लेकिन अरसे से देखने मे आया है यहाँ जांच के नाम पर केवल लीपापोती ही की जाती है और समय बीतने पर जिसके सबूत स्वत: नष्ट हो जाते है।

जिला उपायुक्त अगर निजी स्तर से इस सब मामलों की गहनता से जांच करवाएं तो सुधार का सिलसिला शुरू होगा और भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ फेकने का एक दौर शुरू होगा।

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