-नियमो के उल्लंघन के साथ सरे आम की गई सरकार और प्रशासन के आदेशो की अवहेलना।. -ट्रस्ट के प्रधान ने दी सफाई कहा मामला संज्ञान में नही ।  -उपायुक्त ने दिए नियमानुसार कार्यवाही करने के  आदेश 
-उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए इंसिडेंट मैनेजर को दिए नियमानुसार कार्रवाई के आदेश।

अशोक कुमार कौशिक

 नारनौल। जहाँ एक तरफ पूरा देश कोरोना काल से गुजर रहा है। सरकार व प्रशासन ने कोरोना के चलते सख्त नियम बनाते हुए पहले व्यापारियों को व्यापार करने की इजाजत दी उसके बाद धार्मिक स्थलों को भी नियमो के तहत खोलने की इजाजत दी गयी।

लेकिन बीते कल नारनौल- में सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो के अनुसार श्रावण के पहले रविवार को कुलताजपुर गांव स्थिति ढोसी धाम के शिवकुण्ड पर प्रसाद (भण्डारे) का आयोजन किया गया । यहां सोशल डिस्टेसिंग और मास्क की अनिवार्यता के नियमों की खुलेआम घज्जियां उड़ती देखी गई। भण्डारे मे सैकड़ो लोगो ने सामुहिक रूप से प्रसाद ग्रहण किया। इतना ही नही फोटो में वहाँ भोजन परोसने वाले लोग भी बिना मास्क के नजर आए। ऐसे में इस भण्डारे ने वहाँ मंदिर ट्रस्ट और जिला प्रशासन पर कई सवालिया निशान लगा दिए।

-सबसे पहले वहाँ इतने लोग इकट्ठे हुए कैसे ?

पता चला है कि इसके लिये पहले से प्रशासन से कोई अनुमति नही ली गई । जब जिला प्रशासन के आदेश अनुसार बिना अनुमति कोई आयोजन नही किया जा सकता तो वहाँ भण्डारे का आयोजन कैसे हुआ? इतनी संख्या में लोगों को कैसे इकठ्ठा होने दिया गया, जबकि इसके लिए शनिवार को उपायुक्त ने इस प्रकार कानून तोड़ने विलो पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही थी। यह तब हुआ जब नारनौल- शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा हो।

इधर प्रशासन मास्क को लेकर सख्त है और रोजाना चालान किये जा रहे है। स्वयं उपायुक्त का रुख इस मामले में कड़ा है, और वह स्वंय बिना मास्क पाये जाने वाले लोगों के चालान काट रहे है। जब आम आदमी मास्क नही पहने तो उसका चालान हो जाता है, लेकिन वहाँ मौजूद लोगों और उसके आयोजको पर कोई कार्यवाही क्यो नही हुई? क्या कानून निरीह आम जनता के लिए ही है।

अब सवाल यह खड़ा होता है वहाँ पर ऐसे बिना परमिशन इतने बड़े भंडारे का आयोजन करके इतनी भीड़ एकित्रत करने पर आयोजको और ट्रस्ट के खिलाफ लॉक डाउन के उल्लंघन का मामला दर्ज नही होना चाहिए?

जब इस मामले को लेकर राव इन्दजीत सिंह के बेहद करीबी बीजेपी के नेता और ट्रस्ट के प्रधान मनीष मित्तल से बात की गई तो उन्होंने बताया मामला उनके संज्ञान में नही है । ट्रस्ट के अन्य सदस्यों से जानकारी हासिल की जाएगी। वही शहर के एक मीडिया ग्रुप पर वह सफाई देते हुये कहते है कि सब नियमानुसार है।

कोरोना काल मे इस तरह के आयोजन को लेकर जिले के उपायुक्त आर के सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहाँ जिन्होंने ऐसा करके नियमो की उलंघन्ना की है उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। जिला उपायुक्त ने इस मामले पर जांच कर जल्द कार्यवाही करने की बात कहीं।

यहां अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या वाकई इस प्रकार सरकार और प्रशासन के आदेशों को ठेंगा दिखाने वालों के खिलाफ कार्यवाही कर मुकदमा दर्ज किया जाएगा या फिर आयोजन करने वालो और ट्रस्ट के लोगो का राज में हिस्सा होने के कारण मामले की लीपापोती कर दबा दिया जाएगा। उपायुक्त ने संज्ञान लेते हुए इंसिडेंट मैनेजर को दिए नियमानुसार कार्रवाई के आदेश।

अब ऐसे में समझना उन लोगो को भी चाहिए जो ऐसे कोरोना काल मे जब अब यह लोकल चैन से फैलने लगा है जनता को भी खुद सावधानी बरतनी चाहिए कहीं ऐसा ना हो गए थे अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण करने और प्रशाद में ले आये कोरोना।