संडे को पटौदी ब्लॉक में फिर आए सात पॉजिटिव केस. पटौदी ब्लॉक में रोके नहीं रुक रहा बेलगाम हुआ करोना फतह सिंह उजाला पटौदी । कोरोना कोविड-19 पाटोदी ब्लॉक में अन्य ब्लॉकों के मुकाबले अपनी बढ़त को बनाए हुए हैं । जारी सप्ताह में सप्ताह के अंदर अंतिम दिन संडे को 113 कुल पॉजिटिव केस के साथ यह सप्ताह लाॅक हो गया है । अब सोमवार से आरंभ होने वाले सप्ताह में यह देखना रोचक होगा कि पटौदी ब्लॉक में कोरोना कॉविड 19 पर कितनी लगाम कसी जा सकेगी या फिर इस समाप्त की तरह ही अपनी बढ़त को बरकरार रखेगा । गुरुग्राम सिटी से बाहर ग्रामीण अंचल कहलाने वाले पटौदी ब्लॉक में सोमवार से रविवार तक के दौरान कुल 113 केस दर्ज हो चुके हैं । सबसे अहम सवाल यह है कि पटौदी ब्लॉक का कोई भी कोना, कोरोना से अछूता नहीं रहा है । इसमें पटौदी ब्लॉक के सीमांत गांव से लेकर पटौदी और हेलीमंडी नगर पालिका शहरी क्षेत्र भी शामिल है । इस पूरे प्रकरण के अंदर सबसे महत्वपूर्ण और खरा सवाल यही है कि जब कोरोना कोविड-19 ने जिला गुरुग्राम में अपने पांव फैलाने शुरू किए थे , तो युद्ध स्तर पर कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर सेनीटाइज किए जाने का अभियान जोर-शोर से शुरू किया गया था । समय बीतने के साथ लगता है , इस जोशीले अभियान की भी अभियान पर भी कोरोना कॉविड 19 की बुरी नजर लग चुकी है । लाख टके का सवाल यह है कि ग्रामीण अंचल के विभिन्न गांव हो या फिर पटौदी और हेलीमंडी नगरपालिका जैसे शहरी क्षेत्र । जिस प्रकार से इस सप्ताह के दौरान पटौदी ब्लॉक में कोरोना कॉविड 19 पाॅजिटिव केस बिना चेन टूटे सामने आए हैं , तो पटौदी और हेलीमंडी पालिका प्रशासन, पालिका क्षेत्र में विभिन्न वार्डों में सेनीटाइज कराने से अब पीछे क्यों हटा दिखाई दे रहा है । यही आलम पटौदी ब्लॉक के देहात में भी साफ-साफ देखा जा सकता है । गांवों में भी कोरोना कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए अब सैनिटाइज किए जाने कि कहीं से कोई सूचना तक सामने नहीं आ रही है । यह अपने आप में हैरानी का विषय है । अब मानसून सिर पर आ चुका है । मानसून के दौरान अक्सर डायरिया , वायरल और विभिन्न प्रकार के रोग स्वाभाविक रूप से पनपते हैं । इसका मुख्य कारण है जगह-जगह बरसाती पानी का भरना और बरसाती पानी भरने के साथ ही विभिन्न स्थानों पर कथित रूप से पेयजल के लीक पाईप के द्वारा गंदे पानी की आपूर्ति होना । जब गंदा पानी-दूषित पानी आपूर्ति होगा तो स्वाभाविक है कि उल्टी, दस्त, बुखार व अन्य प्रकार के बरसात के सीजन रोग फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता । इसके साथ ही कोरोना कॉविड 19 अभी भी पूरी तरह से शांत होने का नाम नहीं ले रहा है । ऐसे में कोरोना कोविड-19 संक्रमण और मानसून के दौरान फूटने वाली विभिन्न बीमारियां जब एक साथ मोर्चा खोल देंगी , तो यह सोचकर ही अभी से लोगों के हाथ पांव फूलने लगे हैं कि अपने स्वास्थ्य को लेकर किस प्रकार से बचाव किया जा सकेगा । लोगों का साफ-साफ कहना है कि बीमारियों से बचाव के लिए संबंधित विभागों को समय रहते ही रोग फैलने से रोकने के ठोस उपाय करने ही होंगे। अन्यथा इस बात से इंकार नहीं की कोरोना कोविड-19 के साथ-साथ मानसून के दौरान फूटने वाले सीजनल रोग अथवा बीमारी कहीं ऐसा ना हो हालात पूरी तरह से स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासन के हाथों से दूर खींच ले जाए और इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़े । Post navigation सीमा सुरक्षा बल का वृक्षारोपण अभियान अभियान के दौरान 2.5 करोड़ पौधे लगाए संडे को 120 हुए ठीक तो 112 पॉजिटिव केस