सोहना बाबू सिंगला. सोहना नगरपरिषद् की करोड़ों रूपए की संपत्ति पर नेताओं व दुकानदारों का अवैध कब्जा है जिन्होंने खोखों को हटाकर दुकानों का अवैध निर्माण करके जबरन कब्जा जमाया हुआ है| बताया जाता है कि करीब तीन दर्जन दुकानदारों को आजतक भी किरायेदारी हक हासिल नहीं है जिनका इन्द्राज परिषद् रिकार्ड में दर्ज नहीं है किन्तु फिर भी ऐसे लोग दुकानों पर जबरन कब्जा किए बैठे हैं | दुकानदारों ने आजतक भी परिषद् विभाग को कई वर्षों का किराये का भुगतान भी नहीं किया है जिससे विभाग को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है| वहीं दूसरी ओर विभाग ने अपनी प्रॉपर्टी को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं जिससे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं|

विदित है कि गत् दिनों नगरपालिका ( वर्तमान में नगरपरिषद् ) विभाग ने बस स्टैंड मार्ग पर 54 दुकानों का निर्माण कराया था| इससे पूर्व उक्त भूमि पर खोखे रखे थे| विभाग खोखाधारकों से प्रति माह किराया वसूलता था किन्तु वर्ष 2012 में विभाग ने खोखों को हटाकर दुकानें बनाने की मंजूरी प्रदान कर दी थी जिनको दुकानदारों ने रातों-रात बगैर शुल्क जमा कराए ही कब्जा कर लिया है|

विभाग ने पारित किया प्रस्ताव

तत्कालीन नगरपालिका वर्तमान में परिषद् विभाग ने 28 मार्च 2012 को खोखों के स्थान पर दुकानें बनाने का प्रस्ताव पारित किया था तथा दुकानदारों से 2100 रूपए मासिक किराया व 75 हजार रूपए सिक्योरिटी लेना भी तय किया गया था किन्तु ऐसे दुकानदारों ने आज तक भी नगरपरिषद् विभाग को शुल्कों का भुगतान नहीं किया है|

प्रस्ताव पर अमल नहीं

विभाग द्वारा पारित 48 दुकानों की बजाय 54 दुकानों का निर्माण कराया गया था| विभाग ने 14 नवंबर 2014 को पालिका बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से अवैध कब्जेदारों से दुकानें खाली कराकर खुली बोली लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी किन्तु आजतक पारित प्रस्ताव पर अमल नहीं किया गया है| लोगों ने निर्मित दुकानों पर जबरन कब्जा किया हुआ है जिनमें कई निवर्तमान पार्षद भी शामिल हैं जो कब्जेदार दुकानदारों से किराया वसूल करके अपनी जेबें भर रहे हैं|

विभाग ने झाड़ा पल्ला

विभाग ने एक आरटीआई के जबाव में 12 अप्रैल 2013 को बस स्टैंड मार्ग पर निर्मित दुकानों से हाथ खींच लिया है जिसमें दुकानों का निर्माण विभाग द्वारा नहीं कराया जाना स्वीकारा है जिससे विभाग की कार्यप्रणाली शक के घेरे में है|

सीएम विंडो ने किया खुलासा

गत् दिनों कस्बे के समाजसेवी सुरेन्द्र योगी द्वारा उक्त मामले की शिकायत जब सीएम विंडो में की तो विभाग के होश उड़ गए| अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखकर मौका मुआयना किया तथा करीब 3 दर्जन दुकानों पर अवैध कब्जा पाया है| ऐसे दुकानदारों का रिकार्ड विभाग में दर्ज नहीं है किन्तु फिर भी ऐसे लोग मौके पर काबिज हैं जिसकी रिपोर्ट विभाग ने भेज दी थी किन्तु सरकार व प्रशासन की ओर से कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है|

क्या कहते हैं अधिकारी

नगरपरिषद् के कार्यकारी अधिकारी अतर सिंह कहते हैं कि उक्त मामला माननीय हाई कोर्ट में विचाराधीन है| फैसला होने पर कार्यवाही की जाएगी|

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