सावन के महीने में नया रूप लेगी जननायक जनता पार्टी, संगठन किया गया भंग चंडीगढ़, 10 जुलाई। जननायक जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पार्टी की सभी प्रमुख इकाईयों को भंग कर दिया है। पार्टी संस्थापक और पूर्व सांसद डॉ अजय सिंह चौटाला के सुझाव पर जेजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी, सभी जिला व हलका स्तरीय कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया हैं, और बहुत जल्द नए पदाधिकारियों की घोषणा की जाएगी। जननायक जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी संगठन को नया रूप देने पर विचार चल रहा था और पहले स्थापना दिवस पर 9 दिसंबर 2019 को सिरसा में, और इसके बाद 17 मार्च को चंडीगढ़ में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस बारे में निर्णय लेने का अधिकार पार्टी संस्थापक डॉ अजय सिंह चौटाला को दिया गया था। इसके तुरंत बाद देश में कोरोना संक्रमण बढ़ने और लॉकडाउन के चलते इस विषय में आगे की चर्चा को स्थगित कर दिया गया था। अब पार्टी ने संगठन विस्तार और बदलाव के काम में तेज़ी लाते हुए सभी पदाधिकारियों को पदमुक्त कर नए स्वरूप के लिए रास्ता तैयार कर दिया है। निशान सिंह ने बताया कि हरियाणा के अलावा दिल्ली में बनाए गए पदाधिकारी भी पदमुक्त किए गए हैं और वहां के लिए भी नए संगठन की घोषणा जल्द की जाएगी। उन्होंने ये भी बताया कि नए पदाधिकारियों की घोषणा तक विभिन्न पदों पर नियुक्त लोग उस पद के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। सरदार निशान सिंह ने कहा कि डेढ़ साल पहले विपरित परिस्थितियों में पार्टी की स्थापना करने के तुरंत बाद जींद उपचुनाव लड़ने, उसके 3 महीने बाद लोकसभा चुनाव लड़ने और फिर विधानसभा चुनाव लड़ने के व्यस्त समय के दौरान ही पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठ, कार्यकारिणी और जिला इकाईयां बनाई गई थीं। वहीं जेजेपी ने 20 दिसम्बर, 2019 से 20 जनवरी, 2020 तक प्रदेशभर में सदस्यता अभियान चलाकर अपनी पार्टी के साथ लाखों नये सदस्य जोड़े। कम समय मिलने के बावजूद ज्यादातर पदाधिकारियों ने अपनी क्षमता से अधिक कार्य किया जिसकी बदौलत आज जेजेपी गठबंधन सरकार में शामिल होकर लोगों की सेवा कर रही है। निशान सिंह ने सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद किया और आगामी घोषणा तक अपने अपने क्षेत्र में जिम्मेदारी से काम करते रहने को कहा। Post navigation आरटीआई से हुआ बडा खुलासा इनसो अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला के पत्र पर उपराष्ट्रपति सचिवालय ने लिया संज्ञान