मृतक के पिता ईश्वर व ताऊ अनिल ने पुलिस को बताया कि उन्होंने उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी पुलिस ने युवक की हत्या में प्रयोग कार व तोलिया किया बरामद

अशोक कुमार कौशिक

नारनौल। महेंद्रगढ़ में बीते सोमवार की रात हुई विकास सैनी की हत्या के संबंध में पुलिस द्वारा रिमांड के दौरान की गई पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही  मिलकर विकास की हत्या की थी।

मृतक के पिता ईश्वर व ताऊ अनिल ने पुलिस को बताया कि वे विकास की हरकतों से काफी परेशान आ चुके थे। इसी के चलते उन्होंने उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी। योजना को अंजाम देने के लिए मोंटी उर्फ मोहित व आशुतोष नामक युवको को भी अपनी योजना में शामिल किया था।

जानकारी के अनुसार मोहित व आशुतोष ने विकास को ठिकाने लगाने के लिए चार लाख रुपए की राशी ली थी। पुलिस ने पकडे गए आरोपियों की निशान देही पर हत्या में प्रयोग की गई एक आल्टो कार व एक तोलिया भी बरामद किया है जिससे विकास की गला घोंट कर हत्या की गई थी। इसके साथ ही आशुतोष के कब्जे से दो लाख तीस हजार रुपए व मोहित के पास से एक लाख तीस हजार रूपये की राशि भी पुलिस ने बरामद की है।

पुलिस ने आज आरोपियों को 2 दिन के पुलिस रिमांड के बाद अदालत मे पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत मे भेजा गया है। विदित हो कि बीते मंगलवार की सुबह लोगों ने शहर के धौलपोश आश्रम के निकट लगभग 20 वर्षीय एक युवक का शव लहू-लुहान अवस्था में पड़ा देखा था। बाद में शव की पहचान लगभग 20 वर्षीय विकास पुत्र ईश्वर सैनी निवासी मोहल्ला सैनीपुरा के रूप में की गई थी।

घटना के कुछ समय पश्चात ही पुलिस ने अपना जाल बिछा कर हत्या की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों का पता लगा लिया था। इसमें आश्चर्य की बात यह थी की इस हत्या की घटना में मृतक के पिता व ताऊ ही अपने बेटे के हत्यारे निकले जिन्होंने मोहित व आशुतोष नामक युवकों के साथ मिलकर अपने ही बेटे की हत्या कर डाली। इसके अलावा मृतक की मां ललिता व ताई शारदा भी विकास की हत्या की साजिश में शामिल पाई गई है जिन्हें न्यायालय द्वारा पहले ही न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।

हत्या आरोपी निकला कोरोना पॉजिटिव

विकास की हत्या में शामिल आरोपी आशुतोष कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। अदालत में पेश करने से पहले उसका  कोरोना टेस्ट कराया गया था। जिसकी आज रिपोर्ट मिली है, जिसमें उसे कोरोना संक्रमित बताया गया है। इसी के चलते आशुतोष को आज हिरासत में न भेजकर कोरोना सेंटर पटिकरा भेजा गया है। इस तरह से आरोपी के कोरोना संक्रमित पाए जाने से उसके सम्पर्क मे आ चुके कर्मचारियों व अधिकारियों में डर का माहौल बना हुआ है

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