– नई नियुक्तियों के लिए सक्रिय हुए नेता और कार्यकर्ता

नारनौल, (रामचंद्र सैनी): हरियाणा सरकार ने प्रदेश की तमाम मार्केट कमेटियों के चेयरमैनों, वाइस चेयरमैनों व सदस्यों को उनका तीन साल का कार्यकाल पूरा होने पर बीती रात सात जुलाई को एक आदेश पत्र जारी करके सभी को तुरंत प्रभाव से रिमूव कर दिया है। सरकार ने जुलाई  2019 में चेयरमैनों, वाइस चेयरमैनों एवं सदस्यों को नियुक्त किया था। अब इन सभी का कार्यकाल आगामी 13 जुलाई को पूरा होने वाला था, लेकिन सरकार ने समय से छह दिन पहले ही सबको पदमुक्त कर दिया है। वैसे तो प्रदेश में भाजपा की सरकर दोबारा सत्तासीन होतेे ही कयास यही लगाए जा रहे थे कि मार्केट कमेटियों के चेयरमैनों को सरकार तुरंत प्रभाव से हटा देगी और पुराने चेयरमैनों की जगह नए कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को एडजस्ट किया जाएगा लेकिन सरकार ने संयम से काम लेते हुए इन चेयरमैनों, वाइस चेयरमैनों व सदस्यों का कार्यकाल पूरा करवाया।

अब बीती देर रात प्रदेश की सभी मार्केट कमेटी के चेयरमैनों व वाइस चेयरमैनों को रिमूव करने के आदेश के बाद इन पदों पर नये लोगों की नियुक्ति की चाह रखने वालों में हाथोंहाथ भागदौड़ शुरू हो गई है। सरकार के आदेश आए 24 घंटे भी नहीं हुए लेकिन इस पद की लालसा रखने वाले भाजपा के कार्यकर्ता, पदाधिकारियों व सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं के चहेतों में बुधवार को दिनभर चेयरमैनी को लेकर सुगबुगाहट देखी गई।

जिला की नारनौल, महेंद्रगढ, कनीना व अटेली मार्केट कमेटियों के चेयरमैनों में केवल नारनौल मार्केट कमेटी के चेयरमैन की सक्रियता और कार्यशैली जिला ही नहीं बल्कि प्रदेशभर में चर्चित रही है। अहीरवाल के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक जेपी सैनी को यहां की चेयरमैनी मिली थी और इंद्रजीत सिंह ने खुद नारनौल पहुंचकर उसे कुर्सी पर बैठाया था। राव के आशीर्वाद से चेयरमैन जेपी सैनी ने अपने कार्यकाल में किसानों व व्यापारियों के हित में तीन साल में जो कार्य किए वो किसी से छुपे नहीं है। उनकी कार्यशैली से क्षेत्र के किसानों के साथ-साथ आम लोगों में यही चर्चा सुनी गई कि मार्केट कमेटी के चेयरमैन का भी कोई पद है। इस सबको देखते हुए ही दोबारा भाजपा दोबारा सत्तासीन होते ही अनेक नेताओं की निगाह इस चेयरमै की कुर्सी पर टिक गई थी।

अब सरकार द्वारा प्रदेश के सभी चेयरमैनों व रिमूव करने के बाद नारनौल में करीब एक दर्जन लोग पहले दिन से ही चेयरमैन की कुर्सी की दौड़ में शामिल हो गए हैं। जिनमें अधिकांश राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक है तो कुछ ने संगठन के बल पर इस पद पर अपने दावेदारी जतानी शुरू कर दी है। सरकार के सहयोगी दल जेजेपी के नेताओं में इस चेयरमैन की लालसा देखी जा रही है। अब यह तो भविष्य ही बताएगा कि सरकार नये चेयरमैनों की नियुक्ति कब और कैसे करती है।

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