रमेश गोयतचंडीगढ़, 6 जुलाई- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ट्रस्टों/ निजी संस्थानों को सामाजिक या धार्मिक/धर्मार्थ उद्देश्य के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग की भूमि के आबंटन हेतु नीति को स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य सरकार और शहरी स्थानीय निकाय विभाग को प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर सामुदायिक उद्देश्यों के लिए शहरी स्थानीय निकाय भूमि के आबंटन हेतु विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और सामुदायिक समूहों व धर्मार्थ संस्थानों से आवेदन/प्रतिवेदन प्राप्त हो रहे थे। मुंख्यमंत्री द्वारा विभिन्न विभागों, बोर्डों, प्राधिकरणों, पालिकाओं आदि की भूमि सार्वजनिक, वाणिज्यिक व सामाजिक उद्देश्यों के लिए केंद्र, रा’य सरकार, अर्ध-सरकारी विभाग, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य एजेंसियों को बेचने या पट्टे पर देने के संबंध में सभी प्रासंगिक अधिनियमों के सभी प्रावधानों, नियमों, नीतियों, दिशा-निर्देशों का अध्ययन करने तथा इसमें एकरूपता लाने के लिए एक प्रारूप प्रस्ताव तैयार करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। नई नीति के अनुसार पूजा स्थल, सामुदायिक केंद्र, धर्मशाला, जंजघर, बारातघर आदि के लिए संबंधित शहरी स्थानीय निकाय की 3 हजार वर्ग मीटर तक भूमि दी जा सकेगी। इसके तहत, 2 हजार वर्ग मीटर तक बिक्री की अंतरिम दर कलेक्टर रेट का 50 प्रतिशत, क्षेत्र के विकास की आनुपातिक लागत और इस पर अन्य आकस्मिक शुल्क लगाया जाएगा। इसी तरह, 2001-3000 वर्ग मीटर तक, कलेक्टर रेट का 100 प्रतिशत, क्षेत्र के विकास की आनुपातिक लागत और इस पर अन्य आकस्मिक शुल्क लगाया जाएगा। शहरी स्थानीय निकायों की 5 एकड़ तक भूमि गौशालाओं, बेसहारा पशु प्रबंधन केंद्र व नंदीशाला के लिए आवंटित की जा सकेगी और किसी परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए, बिक्री की अंतरिम दर कलेक्टर रेट का 50 प्रतिशत, क्षेत्र के विकास की आनुपातिक लागत और इस पर अन्य आकस्मिक शुल्क लगाया जाएगा। नगर परिषद, कालका के गठन की स्वीकृति प्रदान बैठक में कालका और पिंजौर क्षेत्रों को नगर निगम, पंचकूला की सीमाओं से अलग करने और अलग नगर परिषद, कालका के गठन की स्वीकृति प्रदान की गई। नगर निगम,पंचकूला से इसे अलग करके कालका एवं पिंजौर क्षेत्र के लिए एक सांझा नगर निकाय बनने से कालका और पिंजौर क्षेत्र के लोगों के लिए निकटतम स्थल पर विभिन्न पालिका सेवाओं का लाभ उठाना अत्यंत सुविधजनक होगा, जिससे समय, दूरी और लागत में कमी आएगी। मौजूदा नगर निगम, पंचकूला का क्षेत्र अब 2 क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा। पंचकूला क्षेत्र में 21 गांव और पूर्ववर्ती नगर परिषद, पंचकूला का क्षेत्र शामिल होगा। पिंजौर के 22 गांवों में भगवानपुर, बिटना, धामला, इस्लाम नगर, लोहगढ़, सूरजपुर, मानकपुर देवीलाल, मानकपुर नानकचंद, मानकपुर ठाकरदास, राज्जीपुर, मोहबतपुर, मिल्क, गुमथला, भोगपुर, दमदमा, बिसावल, खेड़ा, माजरी जट्टा, रामपुर सियूड़ी, वासुदेवपुरी, मीरपुर, बक्शीवाला और रायपुर शामिल हैं। कालका के 21 गांवों भैरो की सैर, कांगुवाला, खेड़ा सीताराम, टी डांगरा, हंसुआ, टांगरा, हाकिमपुर, टांगरा हरिसिंह, टांगरा कलीराम, टांगरा कंगन, टांगरा साहू, टिपरा और माजरा महताब शामिल हैं। नगर निगमों का पहला चुनाव साढ़े पांच वर्ष हरियाणा मंत्रिमंडल द्वारा नवगठित नगर निगमों का पहला चुनाव उनके गठन की तिथि से पांच वर्ष की निर्धारित सीमा से बढ़ाकर साढ़े पांच वर्ष के अंदर आयोजित करवाने के लिए हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 4(4) में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी करने का भी निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि नगर निगम, सोनीपत के मामले में उक्त 5 वर्ष की अवधि 5 जुलाई, 2020 को पूरी हो गई है। वार्डबंदी तथा सीटों व वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है, परंतु कोविड-19 महामारी के चलते नगर निगम, सोनीपत के चुनाव करवा पाना संभव नहीं है। उप-निदेशक (फार्मेसी) का पद की मिली स्वीकृत मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा स्वास्थ्य विभाग भेषजिक (ग्रुप क) सेवा नियम, 2019 बनाने के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। पहले, सरकार द्वारा मुख्यालय पर उप-निदेशक (फार्मेसी) का पद स्वीकृत करने बारे स्वीकृति जारी की गई थी। परंतु उस समय द्घितीय श्रेणी (ग्रुप ख) का कोई भी पद औषधाकारक तथा मुख्य औषधाकारक के कैडर में नहीं था और उप-निदेशक (फार्मेसी) के सेवा नियम भी तैयार नहीं थे। सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग में मुख्य औषधाकारक के पद को तुरंत प्रभाव से द्वितीय श्रेणी (ग्रुप ख) घोषित किया गया था। इसलिए उप-निदेशक (फार्मेसी) का पद मुख्य औषधाकारक को पदोनति देकर भरा जा सकता है। लॉकडाउन के द्वौरान वाहन जुर्माना किया फिक्स प्रदेश में लॉकडाउन प्रतिबंधों के दौरान मोटर यान अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा जारी किए गए चालानों के प्रशमन (कंपाउंडिंग) का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि हरियाणा पुलिस द्वारा प्रदेश में लॉकडाउन प्रतिबंधों के दौरान मोटर यान अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 24 से 31 मार्च, 2020 तक की अवधि के दौरान अनेक वाहनों को इम्पाउंड किया गया। कोविड-19 महामारी के समय जन-शिकायतों तथा लॉकडाउन के चलते उपजे हालात के दृष्टिगत, इन तीन श्रेणियों के वाहनों, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, से कम्पाउंडिंग फीस के तौर पर दुपहिया वाहन के लिए 500 रुपये, कार व जीप के लिए 1000 रुपये तथा परिवहन वाहनों के लिए 2000 रुपये की अधिकतम जुर्माना राशि वसूल की जा सकती है। इन उल्लंघनों के प्रशमन के लिए संबंधित आरटीए सचिवों को अधिकृत किया गया है। Post navigation अनलॉक-02 के बाद भी हिमाचल प्रदेश में प्रवेश आसान नही हरियाणा सरकार ने की डिजिटल विज्ञापन नीति-2020 लागू