डॉ अशोक शर्मा अक्स

कभी पढ़ा था कि एक राजा के ससुराल पक्ष का एक व्यक्ति ,राज्य में अधिकारी था।भृष्टाचार व रिश्वतखोरी के सन्दर्भ में राज्य भर में कुख्यात था।राजा की पत्नी का रिश्तेदार होने के नाते,उसे पदमुक्त करने की हिम्मत राजा की भी नहीं थी।ज़्यादा से ज़्यादा उसका विभाग बदल दिया जाता।मग़र वह अपनी रिश्वतखोरी की आदत से बाज़ नहीं आता था।।जब चहुंदिश शिकायतें आने लगी व पानी सिर से गुजरने लगा तो राजा ने तत्कालिक प्रभाव से उसे एक नदी की लहरें गिनने के कार्य पर लगां दिया,यही सोचकर कि अब इस कार्य में वह क्या भृष्टाचार कर लेगा।।

कुछ दिनों बाद और अधिक शिकायतें आने लगी।राजा साहब ने जांच करने पर पाया कि वह अधिकारी अब नदी से नोकाओं को गुज़रने ही नहीं देता था ।इस दलील के साथ कि किश्ती के चलने से लहरें गिनने में बाधा पहुंचती है,वह वहां से माल ढोने व यात्री नोकाओं को रोक देता था।जो उसे रिश्वत देता वह ही नौका चला सकता था।।

कमोबेश यही हाल गुरुग्राम शहर का है।बाजार बन्द करने का समय 7 बजे है।सायं 6 बजे से डंडा फटकारते मोटर साइकल सवार वर्दीधारी दुकानदारों को आगाह करने आते हैं कि 7 बजे से 2 मिनट भी अधिक हो गये तो चालान हो जाएगा व दण्ड भुगतना पड़ेगा।।ज़्यादातर बाजार सांय 6 बजे से ही बन्द होना शुरू हो जाते हैं।मग़र अनेकों ऐसे हैं जिन्हें रात्रि 10 बजे तक छूट है।सेटिंग का ज़माना है ,वही कानून व नियम की दुहाई देने वाले जेब गर्म होते ही,रास्ता बदल लेते हैं।।

समझे जनाब,कोरोना काल का रेड ज़ोन फिर सप्ताह में 3 दिन और अब सांय 7 बजे तक के फरमान ने दुकानदारों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ रखी है।दुकान गोदाम का किराया,बिजली बिल,नोकरों की तनख्वाह,बैंक का ब्याज और उस पर बहुत ही कम ग्राहक,,यहां सर्वाइव करना असम्भव लग रहा है,उस पर ये आ जाते है कोरोना टैक्स वसूलने,यदि 5 मिनट भी देरी हुई तो,,,भगवान बचाये।।

error: Content is protected !!