अशोक कुमार कौशिक नारनौल । ग्राम पंचायत, नीरपुर (मीरपुर) ने गांव को नगर परिषद नारनौल की सीमा में शामिल करने के विरोध में सरपंच ज्ञानचंद के नेतृत्व में शुक्रवार को उपायुक्त आरके सिंह को उनके कार्यालय में ज्ञापन सौंप कर नाराजगी जताई है तथा गांव को नगर परिषद की सीमा से बाहर करने की पुरजोर मांग की है। उपायुक्त आरके सिंह ने ग्राम पंचायत की पूरी बात सुनने के बाद उन्हें उनका ज्ञापन उच्चाधिकारियों को प्रेषित कराने का आश्वासन दिया। सरपंच ज्ञानचंद, पूर्व जिला पार्षद राजकुमार यदुवंशी, रूपेश कुमार भारद्वाज, पंच उम्मेदपाल, सतीश शर्मा, जयसिंह महावर व शमशेर सिंह आदि ने उपायुक्त को सौंपे अपने ज्ञापन में लिखा है कि गांव नीरपुर (मीरपुर) को नगर परिषद की सीमा में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए समस्त ग्रामीणों ने आज ग्राम सभा की मीटिंग बुला कर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर गांव को नगर परिषद में शामिल नहीं करने नहीं करने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 80 प्रतिशत परिवार कृषि एवं पशुपालन पर निर्भर हैं। ऐसे में इन परिवारों की आजीविका सीमित है। इसके चलते 80 प्रतिशत परिवार नगर परिषद के टैक्स व दूसरे खर्चे वहन करने में सक्षम नहीं हैं। ग्राम पंचायत करीब डेढ़ साल पहले भी तत्कालीन उपायुक्त को ज्ञापन सौंप पर गांव को नगर परिषद में शामिल करने पर आपत्ति जताई थी। जिस पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 8 मार्च 2019 को अधिसूचना जारी कर गांव को नगर परिषद की सीमा से बाहर करने की बात कही थी। परंतु सवा साल बाद अब निकाय विभाग ने 4 जून को नई अधिसूचना जारी कर मीरपुर का नाम नगर परिषद की सीमा से बाहर किए जाने वाले गांवों की सूची से निकाल दिया है। ऐसे में ग्राम पंचायत एवं समस्त ग्रामीणों ने आज दोबारा ज्ञापन सौंप कर गांव को नगर परिषद की सीमा में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया है। हमें उम्मीद है कि ग्रामीणों की भावनाओं की कद्र करते हुए प्रशासन व शहरी स्थानीय निकाय विभाग सकारात्मक कदम उठाएगा। Post navigation आरती राव के जन्मदिन पर रक्तदान कैम्प का आयोजन ईंधन मूल्यवृद्धि और टिड्डीदल को लेकर कांग्रेसी नेता ने प्रदर्शन किया