टिड्डियों के हमले की एक माह पहले से थी सूचना.
प्रशासन की तैयारियां तो कागजों में ही की गई.
गनीमत यह रही कि टिड्डी दल दिन में ही आया
.

फतह सिंह उजाला

पटौदी। हरियाणा के साथ-साथ जिला गुरुग्राम और विशेष रूप से पटौदी फरुखनगर के ग्रामीण अंचल को देखते हुए जहां पर मुख्यतः खेती-बाड़ी का ही काम किया जाता है , इस इलाके में टिड्डियों के आगमन और हमले को देखते हुए सरपंच एकता मंच गुरुग्राम और विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अजीत सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है।

सरपंच एकता मंच के जिला अध्यक्ष अजीत सिंह ने साफ-साफ कहा कि टिड्डी दल के गुरुग्राम और आसपास के ग्रामीण इलाकों में विशेष तया दक्षिणी हरियाणा क्षेत्र में आने की लगभग 1 माह पहले से ही आहट सुनाई दी थी । अजीत सिंह के मुताबिक करीब 1 माह पहले से ही सभी गांवों मे ंऐसे किसान अथवा ट्रैक्टर मालिकों की जानकारी प्रशासन के द्वारा ले ली गई थी,  जिनके पास सप्रे करने  वाले ट्रैक्टर  की व्यवस्था या सुविधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की यह तैयारी केवल कागजी खानापूर्ति तक ही सीमित रही।  धरातल पर इसका कहीं कोई शनिवार को या इससे पहले काम दिखाई नहीं दिया । उन्होंने कहा किसान जो कि वास्तव में देश के प्रत्येक नागरिक के लिए अन्नदाता है , उसकी फसलों को बचाने के लिए सरकार सहित शासन प्रशासन विशेषता टिड्डियों के हमले को देखते हुए लापरवाह ही दिखाई दिया है।

उन्होंने सवाल किया कि जब करीब सप्ताह भर पहले से ही इस बात की प्रबल संभावना थी कि दक्षिणी हरियाणा के साथ-साथ गुरुग्राम और आसपास के इलाकों में टिड्डी दल पहुंचकर हमला कर सकता है । तो समय रहते जिला प्रशासन के द्वारा बचाव के लिए सप्रे क्यों नहीं करवाया गया ? उन्होंने विशेष रुप से किसान वर्ग की अपने स्तर पर टिड्डियों को खदेड़ने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की है ।

उन्होंने कहा यह तो अन्नदाता किसान का एक प्रकार से सौभाग्य ही कहा जाएगा कि शनिवार को टिड्डी दल दक्षिणी हरियाणा के अलावा जिला गुरुग्राम के पटौदी और फरुखनगर के ग्रामीण अंचल में दिन के समय पहुंचा । यदि यह दिन ढले अथवा रात के समय आता तो इस बात से इंकार नहीं कि जिस भी किसान के द्वारा जो भी फसल खेतों में उपजाई हुई थी , वह निश्चित रूप से ही चैपट कर छोड़ता । ऐसे में किसान की क्या हालत होती यह सोचकर ही सांसे थम जाती हैं ।

error: Content is protected !!