कोविड-19 रिलीफ फंड को लेकर जिला प्रशासन और आरटीआई कार्यकर्ता आमने-सामने

90 लाख रुपये में से एक भी पैसा महामारी में जरूरतमंदो के लिए खर्च नहीं किया: आरटीआई कार्यकर्ता
एक करोङ 46 लाख रुपये में से 70 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं: जिला प्रशासन

भिवानी/मुकेश वत्स।

 भिवानी में कोविड19 रिलीफ फंड को लेकर एक आरटीआई कार्यकर्ता व जिला प्रशासन आमने सामने आ गए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता का आरोप है कि जिला प्रशासन ने फंड में मिले 90 लाख रुपये में से एक भी पैसा महामारी में जरूरतमंदो के लिए खर्च नहीं किया। वहीं जिला प्रशासन एक-एक पैसे खर्च करने का दावा कर हिसाब दे रहा है और आरटीआई कार्यकर्ता पर झुठ फैलाने पर कानूनी कार्यवाई करने को कह रहा है। अब इन्ही पैसों को लेकर जिला प्रशासन व एक आरटीआई कार्यकर्ता आमने सामने आ गए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट बृजपाल परमार का आरोप है कि जिला प्रशासन ने कोविड19 फंड में मिले 90 लाख रुपये में से एक भी पैसा जरूरतमंदों के लिए खर्च नहीं किया। उन्होने बताया कि ये खुलासा आरटीआई में हुआ है।

बृजपाल का कहना है कि महामारी में जिला प्रशासन की बजाय सामाजिक संगठनों ने ही जरूरतमंदों की मदद की। वहीं जिला प्रशासन आरटीआई कार्यकर्ता बृजपाल परमार के आरोपों का खंडन कर रहा है। सीटीएम महेश कुमार ने बताया कि अभी तक जिला प्रशासन को 26 लाख 60 हजार रुपये पीएम रिलीफ फंड व 52 लाख 62 हजार रुपये सीएम रिलीफ फंड के मिले हैं जो उन खातों में जमा करवा दिए गए हैं। उन्होने बताया कि जिला प्रशासन को अभी तक एक करोङ 5 लाख रुपये एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रबंधन कोष) से और जिला कोविड19 रिलीफ फंड में 26 लाख रुपये मिल चुके हैं और 15 लाख रुपये का चेक लगा हुआ है।

सीटीएम महेश कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन को मिले करीब एक करोङ 46 लाख रुपये में से 70 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं और 60 लाख रुपये के बिलों की वेरिफिकेशन हो रही है। उन्होने कहा कि ये पैसा प्रवासी लोगों व जरूरतमंदों के लिए लगाए गए राहत कैंप, राशन वितरण व कुछ पैसे इंफ्रास्टेक्चर पर खर्च हुए हैं। उन्होने बताया कि इस प्रकार किसी द्वारा एक भी पैसा खर्च ना करने के तथ्य हिन व झुठे आरोपों का प्रचार करने को लेकर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जाएगी। इस तरह एक आरटीआई कार्यकर्ता व जिला प्रशासन का आमने सामने आना बड़ा सवाल है। जिला प्रशासन का कहना है कि आरटीआई कार्यकर्ता ने आरटीआई सही से नहीं पढी तभी जाकर भ्रम हुआ है। वहीं देखा जाए तो जिला प्रशासन भी महामारी के शुरु से ही जरूरतमंदों की मदद में खड़ा दिखाई दिया है।

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