भिवानी/मुकेश वत्स। कुसुमेश्वर महादेव मंदिर में चल रहा विश्व कल्याण के लिए दस महाविद्या यज्ञ में आज छटे दिन मंदिर के महंत आचार्य श्री माई जी महाराज एवं अन्यान्य संतो के निर्देशन में आचार्य पंडित निरंजन शर्मा द्वारा करुणामयी जगज्जननी माँ का षोडशोपचार से पूजन अर्चन करवाया गया एवं विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना करवाई गई और आज यज्ञ में कमल के फुलों की आहुति दी गई। आचार्य श्री माई जी महाराज ने बताया कमल के फुलों की यज्ञ में आहुति देने का बहुत बड़ा महत्व हैं। भगवान विष्णु ने भी भगवान शिव को खुश करने के लिए कमल के फूलों से अभिषेक किया था। जिससे भगवान शिव खुश होकर ,कपूर गौरम करुणा तारम, भगवान शिव ने भगवान विष्णु को कपूर जैसा रुप दिया।माँ लक्ष्मी का भी सबसे अति प्रिय पुष्प हैं। जिससे माँ मन इच्छा काम की पूर्ति करती है और कष्टों का निवारण करती हैं और महंत आचार्य श्री माई जी महाराज ने बताया कि यज्ञात् भवति पर्जन्य अर्थात यज्ञ से वर्षा होती हैं और वर्षा से अन्न उत्पन्न होता हैं और अन्न से प्रजा का पालन होता है। उन्होंने बताया अगर इस सृष्टि को बचाना हैं। तो हमें यज्ञों को अपनाना होगा और उसे एक आवश्यक कर्म मानना होगा। माई जी महाराज ने बताया वर्तमान में भारतीय सीमा पर उत्पन्न विवाद की और इशारा करते हुए महाराज श्री ने कहा कि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए भारत पहले भी सक्षम था और आज भी सक्षम है जरूरत पड़ी तो भारत के 135 करोड़ लोग हाथों में हथियार लेकर जवाब दे सकते हैं। महाराज जी ने बताया अगर संभव हो सके प्रत्येक मनुष्य को हवन में शामिल होना चाहिए एवं अपने आवास पर सप्ताह व महीने में एक बार हवन (यज्ञ)अवश्य करना चाहिए। जिससे बड़ी से बड़ी बीमारी एवं महामारी से अपने परिवार समाज देश संसार को बचाया जा सके। Post navigation कोविड-19 रिलीफ फंड को लेकर जिला प्रशासन और आरटीआई कार्यकर्ता आमने-सामने सरकार और प्राइवेट स्कूलों के गठबंधन के खिलाफ प्रदेशभर में अभिभावक संगठनों ने खोला मोर्चा