रोडवेज कर्मचारियों ने डीजल-पैट्रोल की कीमतों में बढ़ौतरी के खिलाफ किया प्रदर्शन

चंडीेगढ़। महाप्रबंधकों के माध्यम से पेट्रोलियम मंत्री को ज्ञापन सौंप कर तेल की कीमतों में भारी भरकम बढ़ौतरी वापस लेने की मांग की। कर्मचारी नेताओं ने कहा विरोध की सुनवाई ना करने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।

आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फैडरेशन के आह्वान पर डीजल व पैट्रोल की कीमतों में बढ़ौतरी के खिलाफ हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी द्वारा आज प्रदेश के डिपूओं में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया व सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।

तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता इन्द्र सिंह बधाना, सरबत सिंह पूनिया, दलबीर किरमारा, आजाद सिंह गिल, अनूप सहरावत व दिनेश हुड्डा ने सयुंक्त ब्यान में बताया पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भारी भरकम बढ़ौतरी का कर्मचारियों व जनता द्वारा लगातार विरोध करने पर भी केन्द्र की भाजपा सरकार विरोध की परवाह नहीं करके आंख व कान बंद करके लगातार कमरतोड़ महंगाई बढाने में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा विरोध की परवाह नहीं करने व जन भावना की सुनवाई ना करने का खामियाजा आखिर सरकार को भुगतना पड़ेगा। कर्मचारी नेताओं ने कहा अन्तर्राष्टÑीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत लगातार कम हो रही है जिसका फायदा परिवहन सेवा से जुड़े लोगों व जनता को देने की बजाय सरकार तेल कम्पनियों व सरकार का खजाना भरने में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा 18 दिन में तेल की कीमतों में रिकार्ड तोड़ बढ़ौतरी करने से पहले से ही महंगाई से जूझ रहे लोगों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।

कर्मचारी नेताओं ने बताया कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के समय में हरियाणा रोड़वेज को लगभग 350 करोड़ रुपए का घाटा हो चूका है। अब तेल की कीमतों में थोक में की गई बढ़ौतरी से विभाग को 100 करोड़ के घाटा होने की आशंका है। तालमेल कमेटी नेताओं ने कहा आने वाले समय में सरकार घाटे का कारण कर्मचारियों के जिम्मे लगाकर विभाग को निजी हाथों में देने की वकालत करेगी। उन्होंने कहा आज देश के परिवहन उद्योग से जुड़े करोड़ों लोगों ने तेल की कीमतें बेशुमार बढ़ने के खिलाफ सड़कों पर उतर कर जोर दार विरोध प्रदर्शन किया। *आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फैडरेशन के राष्टÑीय महासचिव के के दिवाकरन व उप महासचिव आर लक्षमैया ने कहा केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि करनें, सरकारी विभागों का निजीकरण करने व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आने वाले समय में राष्टÑव्यापी हड़ताल की जाएगी।

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