हांसी ,25 जून ।  मनमोहन शर्मा

45 वर्ष पूर्व आज के दिन पूर्व प्रधान मंत्री स्वः   इंदिरा गांधी ने देश में आपात काल लागू करके एक काला अध्याय लागू किया । देश के तमाम बड़े नेता से लेकर  छोटे से वर्करों को जेल में डाल दिया व उनके साथ घोर अत्याचार किया प्रजातन्त्र  के चौथे  स्तम्भ व न्याय पालिका क्षेत्र  भी अछूता रहा  । समाचार पत्रों से जुड़े सम्पादकों ,रिपोर्टरों व स्वंन्त्र लेखकों को भी जेल की हवा रवानी पड़ी ।    

 70 दर्शक में  भष्ट्रचार के खिलाफ चलाए जा रहे आन्दोलन के मुखिया जयप्रकाश मोराजी देसाई ,अटल बिहारी बाजपेई ,चौधरी चरण सिंह ,चौधरी देवी लाल ,लाल कृष्णा आडवाणी ,चन्द्रशेखर , जॉर्ज फर्नांडीज , राज नारायाण , मधुदड़वते  ज्योति बंसु मोहन लाल धारिया ,रामनरेश यादव ,बीजू पटनायक , पीलू मोदी ,कपुरी ठाकुर  ,डाक्टर मंगलसेन ,राम बिलास शर्मा ,प्रो० गणेशी लाल ,ओम प्रकाश चौटाला  ,चौधरी विरेन्द्र सिंह  नारनौदियां  , प्रो० सम्पत सिंह ,मनीराम बागड़ी ,बलवन्त राय  तायल ,कामरेड़ शंकर लाल  ,बाबु नन्द शर्मा ,भोला नाथ चुध व आपात काल का विरोध करने व अन्य देश  व प्रदेशों में स्थानीय नेताओं का जेल में डाल दिया था । राष्ट्रीय स्वंय सेवक शाखा पर भी पाबन्दी लगाकर उनके वर्करों पर ज्यादती  ,सरेआम बाजारों में जमकर पिटाई करके ले जाते थें । 

 1971 लोकसभा  चुनाव में  रायबरेली से काग्रेस प्रत्याशी इन्दिरा गान्धी राजनारायाण से चुनाव जीत गई थी । पराजित प्रत्याशी राज नारायाण ने चुनाव में धांधली व भारी घपला की रिट याचिका  इलाहाबाद हाई कोर्ट में डाली थी  । 12 जून 1975 को फैसला राजनारायण के पक्ष में आया और कोर्ट ने  इन्दिरा गान्धी का चुनाव अवैध घोषित कर दिया  उसके बाद सुप्रीम कोर्ट  ने  24 जून भी राजनारायाण के पक्ष में दे दिया ।  इसी दौरान काग्रेस नेता व पूर्व प्रधान मंत्री स्वः इन्दिरा गान्धी ने 25  रात्रि को देश में आपात काल की घोषणा करके विपक्ष व अखबारों में बिना प्रशासन के अनुमति से  ही खबरे लगती थी यानि सरकार की  और  समाचार पत्रों पर सेंसरशिप भी लगा दी। 

आपात काल में युवा नेता संजय गान्धी ने परिवार नियोजन के  नाम पर हरियाणा में सरकार व प्रशासन के बड़े अफसरों  ने जमकर लोगों को उत्पडित किया । क्योकि सभी विभागों के अफसरों को आप्रेशन का टारग्रेट दिया हुआ था ।  

आपात काल  के दौरान जेल गए हरिश मनोचा ने बताया कि  25 जून को आपातकाल लगते ही रोहतक में संघ शिक्षा वर्ग बीच में ही समाप्त हो गया । हांसी  नगर  प्रचारक  सुशील जी को भूमिगत रखने के लिए  प्राचीन र्मान्दर  लक्षमन चौतरा  के महन्त स्वामी  स्वः  दीनानाथ  जी  के पास गए और  उनको सारी स्थिति बता कर  सुशील जी को र्मान्दर में छुपाने की प्रार्थना की । स्वामी दीनानाथ स्वंय भी संघ के स्वयंसेवक थे  और पाकिस्तान में  संघ शिक्षा वर्ग किया हुआ था । उन्होने सुशील जी का मुण्डन करवा कर भगवे वस्त्र पहनाकर उन्हे साधू बनाकर र्मान्दर में बिठा दिया ‘। संघ के सेवक सूचना का  आदान प्रदान करते थें । एक सप्ताह के बाद सुशील ने बताया कि  साधु रुप  में बुर्जग लोग मेरे पांव छूने के कारण अच्छा नही लगा । फिर वे वापिस अपने घर भेज दिए ।

 आपातकाल लगतें ही अखबारों  पर सैंसर लग गया । कोई भी अखबार सरकार के विरुद्ध कुछ भी नही लिख सकता था । संघ के वर्कर पानीपत में छुपकर दर्पण नाम का अखबार छापते थे व छुप – छुप कर पूरे हरियाणा के लोगों तक पहुंचाते थे  जेल में स्वयंसेवकों  को तक अखबार  पहुंचे तो धर्मदेव बिन्दल के आवास से लस्सी का 20 किलों ग्राम का ड्रम  प्रीतिदिन जेल में आता था I साप्ताहिक  दर्पण अखबार पाँलिथीन में लेपट कर पत्थर से बांध कर लस्सी के ड्रम में डालकर  हिसार जेल पहुंचता था । जेल प्रशासन व गुप्तचर परेशान थे कि अरवबार कैसे पहुंच रहा । 

श्री मनोचा ने बताया कि मेरी शादी हुए कुछ समय हुआ था  उस समय मेरी माता शीला देवी ने एक पत्र धर्मपत्नी शीला देवी से लिखवाया कि  आप लोगों को माफीनामा नही करना  है । क्योंकि पड़ोस में रहने वाले एक नेता का दबाव था मगर उन्होने इन्कार करके हमारी हिम्मत कढ़ाई ।
लाल सड़क के पास कुम्हारा मौहल्ला से संघ के नौनिहाल  पुत्र मनोहर लाल प्रजापति को जब पुलिस हथकड़ी लगाकर बाजारों से गुजरें तो वे भारत माता की जय नारे लगाते हुए अम्बेडकर चौक सिनेमा के पास पहुंचे तो उनकी माता  रामादेवी     ने वर्करों की हौशला बढ़ाते हुए कहां कि मां के दुध की लाज रखनी है और कोई माफी नही मांगनी है ।

 हांसी  शहर व आसपास  क्षेत्र से आपातकाल के  दौरान जेल गए प्रमुख लोग हरिदेव  उर्फ एमपी अरोड़ा  ,बृजलाल , रणजीत ,राजेन्द्र ,करतार ,रामप्रकाश  ,भोला नाथ चुध ,उजागर ,पूर्व विधायक अमीर चन्द मक्कड़  ,कैन्हया लाल  ,हंसराज ,रामदित्तामल ,निहाल चन्द्र , जिला संघ चालक  सुरेन्द्र   जैन ,हरिश मनोचा ,रामसरुप पोपली ,  राजकुमार ,पूर्णचन्द  ,विनोद  ,शीशपाल  ,सतीश ,रामकुमार  ,हिसार के वरिष्ठ पत्रकार मान सिंह वर्मा ,फतेहचन्द्र ,पूर्णचन्द्र ,सुभाष व मनीराम बागड़ी के अलावा पुराने हिसार जिले में भिवानी ,फतेहबाद व सिरसा तक विपक्ष के नेता जेल में बन्द रहे ।

संघ व भाजपा  से जुड़े वरिष्ठ नेता रामसरूप पोपली  ने बताया कि 9 वर्ष की उम्र  से संघ की शाखा में जाना शुरु कर दिया था । पीसीएसडी हाई स्कूल के मास्टऱ धर्मपाल  के नेतृत्व आर्य स्कूल के पास शाखा लगनी  शुरु हुई  I महाशय हरिश एडवोकेट ने  संघ में काफी काम किया और विस्तार भी किया । आपातकाल  का विरोध करते हुए तीन लोग विनोद मुखीजा ,बन्सी लाल पूर्ण चन्द्र  व मुझे पुलिस ने  हमारी जमकर पिटाई की ।हवालत में  बन्द लोगों के लिए एक मिट्टी का घड़ा रखा हुआ था जिसमें पीने व हाथ धोने के साथ पेशाव मिला हुआ  पानी पीने के विवश थें I  हिसार जेल में तोरी की सब्जी में कीड़े वाली   मिलती थी । जिला संघ चालक सुरेन्द्र जैन का बड़ा बडप्पन था कि वे कहते थे कि बाहर मत बताना । हिसार जेल में जय नारायाण ,ठाकुर वीरसिंह ,पीताम्बर सैनी   व दयानन्द आदि  को देखा गया Iलोकतन्त्र सेनानी रामसरूप पोपली ने कहा कि मनोहर लाल सरकार ने आपातकाल में गए लोगों को  10 हजार पैन्शन ,बस  सुविधा तो दी । अभी तक कैसलैंस   सुविधा न मिलने से उपचार  करवाने में कठिनाई हो रही । क्योकि ज्यादातर लोगों की उम्र 70 के पास है ।

 हिसार के वरिष्ठ पत्रकार   व लोकतन्त्र सेनानी मान सिंह वर्मा  ने बताया कि 15 अगस्त 1975 को जेल में आपातकाल के खिलाफ भूखहड़ताल करके विरोध जताया  । इसमें दादा गगेशी लाल ,  पीर चन्द्र सरदार हरेंद्र सिंह ,अमीरचन्द्र मक्कड़ ,बृजलाल  ,वेद भूषण मित्तल टोहाना ,जगबीर व अन्य लोग शामिल थें । भूख हड़ताल से बचाया तीन राशन बोरी आटा को बिहार में आई बाढ़ के लिए भेजा गया  ।

श्री मानसिंह वर्मा ने कहा कि आपातकाल में हिसार के पत्रकारों ने  विरोध करते हुए जेल गए I  जिनमें प्रमुख  बिश्व स्वस्प दालवाला ,डाक्टर नन्द किशोर सोनी ,देव कुमार जैन  व स्वयं थें ।

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