निस्वार्थ सेवा से प्रकृति भी देती है साथ: राजेश छाबड़ी

भिवानी/मुकेश वत्स।

 कोरोना जैसी महामारी के विनाश के लिए हवन यज्ञ अपनी सार्थक भूमिका निभा सकते हैं, हमारे शास्त्रों में रोगों के विनाश का उपाय बताया गया है। निस्वार्थ सेवा से प्रकृति का भी पूर्ण सहयोग मिलता है।

ये विचार प्रमुख समाजसेवी राजेश छाबड़ी में श्री सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित कृमि नाशक महायज्ञ के तृतीय दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। महाविद्यालय के प्राचार्य आचार्य विनय मिश्र ने कहा  दुर्गा सप्तशती में इतनी सामर्थ्य है कि वह सभी प्रकार के रोगों के विनाश में अपनी सार्थक भूमिका निभा सकते हैं। विश्व में जितने भी महामारी है उन सब का विनाश करने में दुर्गा देवी समर्थ है। जिस प्रकार दुर्गा देवी ने राक्षसों का संहार करके देवताओं को भय से मुक्त किया था उसी प्रकार आज भी दुर्गा देवी इस महामारी का विनाश करके आम जनमानस को भय से मुक्ति प्रदान करेगी।

जब जब भी संसार में आशु की शक्ति का प्रादुर्भाव होता है तभी देवी उन आसुरी शक्तियों का विनाश करने के लिए सामने आती है। मंत्रों में इतनी सामर्थ्य होती है कि उनके द्वारा सभी प्रकार के कार्य सिद्ध हो सकती हैं। यदि पूर्ण विधि के साथ इनका प्रयोग किया जाए। कृमि नाशक यज्ञ से अगर तगर, छाल छलिया, लोबान, गूगल और जटा जूट आदि विभिन्न औषधियों की आहुति दी गई। आज विश्व में इस महामारी से भय विद्यमान है।

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