केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संगठनों के आह््वान पर 3 जुलाई को जिला व ब्लॉक स्तर विरोध प्रदर्शन, भेजेगें ज्ञापन

भिवानी/मुकेश वत्स।  केन्द्रीय ट्रेड यूनियने के आह््वान पर 3 जुलाई को होने वाले देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों की तैयारियों के लिए सयुंक्त बैठक एटक कार्यालय में जिला प्रधान रामौतार खोरड़ा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में एटक राज्य अध्यक्ष बलदेव सिंह घणघस, सीटू जिला सचिव कामरेड अनिल कुमार, जिला उपाध्यक्ष कामरेड ओमप्रकाश, एटक जिला प्रधान ईश्वर शर्मा, फूल सिंह इन्दौरा, विजय बापोडा, सतबीर सिंह, आल इण्डिय़ा यूटीयूसी के प्रधान राजकुमार जांगड़ा, सचिव राजकुमार बासिया, हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रधान सूरजमल लेघा, रमेश गारनपुरा शामिल थे।

सर्वप्रथम सभी ट्रेड़ यूनियनों व कर्मचारी संगठनों ने एटक नेता कामरेेड मान सिंह के निधन पर दो मिनट का मौन धारण कर शोक व्यक्त किया। बैठक में विचार रखते हुए ट्रेड यूनियनों व कर्मचारी संगठनों के  नेताओं ने कहा की वर्तमान सरकार करोना की आड में मजदूर कर्मचारी विरोधी नीतियां अपना रही हैं। एक तरफ मजदूरों के ट्रेड यूनियन अधिकारों का समाप्त करके सरकार उनको गुलाम बनाने की दिशा में अग्रसर है। कोयला, प्रतिरक्षा, बिजली समेत तमाम सावृृजनिक महकमों को बेचना शुरू किया जा चुका है।

डीजल पट्रोल के लगातार रेट बढ़ रहे जिसके चलते पहले ही कोरोना व महंगाई से त्रस्त जनता को और ज्यादा शोषण किया जा रहा है। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता काट दिया गया है। दूसरी ओर पंूजीपति घरानों के हजारों करोड़ टैक्स माफ किये जा रहे है, व राहत पैकेज दिये जा रहे है। हरियाणा में 22 लाख निर्माण मजदूरों को ऑनलाईन के चक्कर में उलझाकर रख दिया है। कोरोना योद्वा स्वास्थय कर्मीयों, परियोजना कर्मीयों, ग्रामीण व शहरी सफाई कर्मीयों व ग्रामीण चौकीदारों व अन्य कर्मचारियों को जोखिम भत्ता व सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नही करवाए जा रहे है। जबकि कोरोना योद्वा के नाम पर सम्मानित करने का ढोंग किया जा रहा है।

3 जुलाई को देशव्यापी विरोध दिवस पर ब्लांक व जिला स्तर पर भारी विरोध दर्ज करवाते हुए देश व प्रदेश की सरकार के नाम ज्ञापन भेजकर ट्रेड यूनियन अधिकारों को बहाल किया जाए, कोयला, बिजली, प्रतिरक्षा समेत सावृृजनिक महकमों के नीतिकरण पर रोक लगे। कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता वापिस किया जाए। तीन माह तक मजदूरों को हर महिने 7500 रूपये नकद दिये जाए, भवन निर्माण मजदूरो के 90 दिन तसदीक के लिए यूनियनों को अर्थोटी दी जाए तब तक अधिकारियों से वैरिफाई करवाने की व्यवस्था करने, मजदूरों को प्रति सदस्य 10 किलो अनाज देने व मैडिकल स्टाफ, आशा, आंगनबाडी, ग्रामीण सफाई कर्मीयों को सुरक्षा उपकरण, जोखिम भत्ता जारी किया जाए व 50 लाख का बीमा कवर दिया जाए। सभी गावों में मनरेगा का काम दिया जाए व शहरों में भी विस्तार किया जाए। 

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