वैशाली सैनी रोहतक। लॉकडाउन में भले ही लोन की किस्तें स्थगित कर दी गई हैं मगर बैंक स्थगित किस्तों पर ब्याज लेने में चूक नहीं कर रहा है। स्थगित किस्तों पर लगाया गया ब्याज शेष किस्तों में जोड़ दिया गया है। ब्याज के इस बोझ ने ट्रांसपोटर्स काफी परेशान हो रहे हैं। रोहतक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान गुरु चरन सिंह ने बताया कि अधिकांश ट्रांसपोर्ट्स ट्रक-मेटाडोर आदि वाहन को बैंकों से लोन लेकर ही खरीदते हैं। ट्रक की उसके मॉडल (लंबाई) के हिसाब से कीमत होती है, जो 20-26 लाख रुपये है। वह बताते हैं कि लॉकडाउन में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया, जो अनलॉक में अभी तक बमुश्किल 20 फीसदी ही संचालित हो सका है। आय नहीं होने की वजह से ट्रांसपोटर्स के सामने लोन पर लिए ट्रकों की किस्तों का भुगतान करने में काफी दिक्कत आ रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने लॉकडाउन की वजह से 3 माह की किस्तें तो स्थगित कर दी मगर उनकी ब्याज ने कमर तोड़ दी है। वह बताते हैं कि बैंकों ने स्थगित किस्तों पर अपनी दर के हिसाब से ब्याज लगा दिया है। कुछ बैंकें किस्तों के साथ में ब्याज मांग रही हैं तो कुछ ने ब्याज को शेष किस्तों में जोड़कर किस्तों को पुन:निर्धारित कर दिया है। ऐसे में ब्याज का बोझ ट्रांसपोटर्स को काफी खल रहा है। वह बताते हैं कि सरकार ने किस्तों को स्थगित किया तो कम से कम ब्याज भी माफी कर देनी चाहिए थी क्योंकि लॉकडाउन की अवधि में सारा कारोबार बंद था। इस बारे में लीड बैंक मैनेजर (एलडीएम) मुकेश जैन का कहना है कि सरकार ने किस्त को स्थगित किया है, न कि ब्याज को। स्थगित की गई तीनों किस्तों पर बैंक ने ब्याज लगाया है। यदि कोई ग्राहक ब्याज का एकमुश्त भुगतान करना चाहता है तो कर सकता है अन्यथा ब्याज को किस्तों में जोड़कर लिया जाएगा। Post navigation सारा दोष हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग का, पीटीआई को क्यों बनाया जा रहा है बलि का बकरा-डा. दिनेश निम्बड़िया भाजपा नेता के इशारे पर महम में चल रहा चोरी की गाड़ियों का धंधा : कुंडू