भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक गुरुग्राम। गुरुग्राम इस समय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। जो नाम सारे विश्व में अपनी आर्थिक गतिविधियों से बनाया है, वह खतरे में है। एक ओर लोग कोरोना के भय में जी रहे हैं, दूसरी ओर फैक्ट्रियो में काम नहीं हो रहा है, तीसरी ओर बाजार के व्यापारियों का सामान नहीं आ रहा है, चौथा कंपनियों के वर्करों की सैलरी 50 प्रतिशत तक घट चुकी है और रोज कोरोना से कोई न कोई काल के ग्रास में चला जाता है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों का कार्य जनता के साथ खड़े होकर उनकी परेशानियों को दूर करने का होता है लेकिन हमारे जनप्रतिनिधि इस भय को तो समझ ही नहीं रहे हैं, लगे हुए हैं केवल अपनी धुन में। जगह-जगह किसी न किसी बात पर फोटो खिंचाने, वर्चुअल रैली के प्रसार में, बस अब और क्या कहें। ढूंढ लाए गुरुग्राम में 50 साल पुरानी सीवर लाइन : शुक्रवार को विधायक सुधीर सिंगला और मेयर मधु आजाद की ओर से बताया गया कि उन्होंने 50 साल पुरानी सीवर लाइन को दोबारा बनाने का कार्य आरंभ किया है और साथ ही उद्घाटन करते हुए उनके फोटो भी थे। अब जनता की ओर से प्रतिक्रिया आई कि गुरुग्राम में 50 साल पूर्व तो सीवर ही नहीं थे। हुडा का पहला सैक्टर भी लगभग 40 वर्ष पूर्व बना था। अगर उससे दो-चार साल पहले हुडा ने जमीन एक्वायर कर सीवर डाले होंगे तो उसे भी 50 वर्ष नहीं हुए होंगे। और पहला सैक्टर तो सैक्टर-4 बना था। और देखिए मजेदारी। यदि 50 साल पुराना सीवर था, या 20-30 साल पुराना भी था तो उस बात को छोड़ते हैं, ध्यान यह करते हैं कि अब बरसात का समय आरंभ हो रहा है और 76 लाख रूपए का सीवर डालने के कार्य का उद्घाटन विधायक और मेयर ने किया। अधिकारियों और जनता से काफी बात करने के पश्चात यह ज्ञात हुआ कि बरसात में वैसे ही नए सीवर डालने का कार्य नहीं किया जाता और चलती लाइन का सीवर बरसात में डालना तो उस क्षेत्र को नर्क बनाना हो जाएगा। अब पता नहीं हमारी जानकारियां गलत हैं या मेयर और विधायक को इसकी जानकारी नहीं है। इसी प्रकार शनिवार को विधायक की ओर से समाचार आया कि उन्होंने तीनों विभागों के कर्मचारियों के साथ अंडरपासों का निरीक्षण कर लिया है और दावा कर रहे हैं कि इस वर्ष गुरुग्राम में जलभराव की समस्या नहीं होगी और इसमें विधायक जी की ओर से अधिकारियों के साथ घूमते हुए 5-7 फोटोज भी भेजी गई, जिनमें वह अधिकारियों को निर्देंश दे रहे थे और ड्राइंग देख रहे थे। इस बात की जानकारी विधायक जी ने ही दी थी। इस सब पर भी यहां अधिकारियों और जनता से बात की तो यही सुनने में आया कि इस बार शहर में जलभराव अधिक होने की संभावना है, क्योंकि अभी तक निगम की ओर से नाले और सीवरों की सफाई नहीं हुई है। फिर एक बार विधायक के ड्राइंग देखने से और इंजीनियरों को निर्देश देने से यदि गुरुग्राम में जलभराव नहीं होता है तो सुख आश्चर्य होगा। प्रश्न यह है कि गुरुग्राम वासी अब जीवन के अस्तित्व और स्थिरता के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो हमारे जनप्रतिनिधि इस प्रकार के कार्यों में फोटो खिंचा रहे हैं। अब गुरुग्राम वासियों का भविष्य क्या होगा? Post navigation अब जान का दुश्मन बनता जा रहा कोरोना एफ. आई. आई ने आत्मनिर्भर भारत-वोकल फार लोकल-गाय आधारित उद्योगों की क्षमता पर एक वेबिनार आयोजित किया