-निराशा को आशा में बदलता है योग- प्रो. आर.सी. कुहाड़
-हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, आयुष मंत्रालय, श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय व हरियाणा योग परिषद के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय वेबिनार आयोजित

अशोक कुमार कौशिक

नारनौल। योग की विद्या भारतवासियों के लिए नई नहीं है। हजारों साल से भारतीय योग विद्या का लाभ लेते आ रहे हैं। कालांतर में एक समय ऐसा भी आया जब योग सन्यासियों तक ही सीमित हो गया लेकिन प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में एक बार फिर से योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई। 21 जून का दिन प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में समूचे विश्व द्वारा मनाया जाता है। योग एक साधना है और इसे अपनाने से आपको इसका लाभ जीवन पर्यन्त मिलता है। योग वह माध्यम है जो व्यक्ति को सदाचारी बनने के मार्ग पर अग्रसर करता है, तनाव से मुक्ति देता है और स्वस्थ रखता है इसलिए इसे अपनाएं और स्वस्थ रहें। यह विचार हरियाणा के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल ने हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय व हरियाणा योग परिषद व आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में योग दिवस के उपलक्ष्य में ‘योगा फॉर वर्ल्ड हेल्थ‘ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का उद्घाटन करते हुए व्यक्त किए। मुख्यमन्त्री ने इस अवसर पर आयोजकों को शुभकामनाएं दी और कोरोना काल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर घर पर रहकर योग करने के लिए प्रेरित किया। 

मुख्यमन्त्री के पश्चात योग गुरू स्वामी रामदेव ने योग के महत्त्व पर प्रकाश डाला और बताया कि योग किस तरह से उपयोगी साबित हो रहा है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना काल में विश्व भर में लगभग 200 करोड़ लोगों ने वीड़ियों के माध्यम से योग किया। उन्होंने कहा कि कोरोना का प्रभाव कम करने में योग मददगार है क्योंकि यह शरीर की विभिन्न बीमारियों का जड़ से इलाज करने की क्षमता रखता है और इसके अभ्यास के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। स्वामी रामदेव ने चीन के साथ बढ़े तनाव का उल्लेख करते हुए योग को अपनाने के साथ-साथ स्वदेशी प्रेम पर भी जोर दिया और कहा कि हमें इस विषय में आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। इसी कड़ी में गीता मनीषी श्री ज्ञानानन्द महाराज ने भी योग के महत्त्व पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह से यह निरोगी जीवन प्राप्त करने में मददगार साबित हो सकता है। इसी तरह स्वामी विवेकानन्द योग अनुसंधान संस्थान के चांसलर डॉ. एच.आर. नागेन्द्र ने भी विश्व स्वास्थ्य में योग के योगदान पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह से योग विभिन्न देशों में चिकित्सा के क्षेत्र में प्रयोग में लाया जा रहा है। हरियाणा राज्य के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री श्री अनिल विज ने वीडियों संदेश के माध्यम से योग दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि योग के माध्यम से जीवन को स्वस्थ बनाया जा सकता है। उन्होंने आगामी 21 जून को आयुष मंत्रालय के प्रोटोकॉल के तहत घर पर रहकर योग करने के लिए प्रेरित किया। 

इस अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के आयोजक हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने कहा कि योग को अपनाकर हमारी युवा पीढ़ी संकल्पित, समर्पित व सामर्थ्यवान बन सकती है और गीता से प्रेरणा लेकर, योग जीवन शैली अपनाकर अपने पुरूषार्थ से नए युग का सूत्रपात कर सकती है, जो एक नया भारत, युवा भारत व संसार को रास्ता दिखाने वाला भारत होगा। उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि जो युवा जीवन में योग का रास्ता अपनायेगा, वो युवा कभी स्ट्रेस में नहीं आयेगा बल्कि संतुलित जीवन जीयेगा। प्रो. कुहाड़ ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर से जब सारी दुनिया संकट से ग्रसित है तो योग एक रास्ता है जो सिर्फ इस कोराना संकट से ही नहीं बल्कि आगे हमारे व्यैक्तिक, पारिवारिक, व्यावसासिक व सामाजिक जीवन के संकटों से उभारता है और निराशा को आशा में बदलता है। उन्होंने कहा कि योग की जीवन शैली को अपनाकर हमारी दृष्टि बदलेगी और तभी सृष्टि बदलेगी, आपके विचार बदलेंगे, आपका संसार बदलेगा और अगर हमारी संस्कृति व संस्कार अच्छे होंगे तो सुंदर संसार की कल्पना जो हमारे ऋषि-मुनियों ने की थी, उसको आकार दे पायेंगे व साकार कर पायेंगे। अगर युवा ऐसी जीवन शैली अपना लेता है तो मैं यह कह सकता हूं कि समाज में भ्रष्टाचार नहीं, शिष्टाचार होगा, भाई-भतीजावाद नहीं भाईचारा होगा, ईर्ष्या द्वेष नहीं शांति होगी और 21वीं सदी भारत की सदी होगी। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय पढ़ाई व अनुसंधान के साथ-साथ अन्य सामाजिक पहलुओं को ध्यान में रखकर समाज हितैषी कार्यों के लिए अग्रसर रहता है। प्रो. कुहाड़ ने इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल, स्वास्थ्य एवं गृह मन्त्री श्री अनिल विज, योग गुरू स्वामी रामदेव, गीता मनीषी श्री ज्ञानानन्द महाराज, हरियाणा योग परिषद के अध्यक्ष जयदीप आर्य व श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र के कुलपति प्रो. बलदेव कुमार सहित वेबिनार में शामिल देश व विदेश के विशेषज्ञों व विद्वानों का आभार व्यक्त किया। 

कार्यक्रम में अन्य प्रमुख वक्ताओं में श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र के कुलपति प्रो. बलदेव कुमार, हरियाणा योग परिषद के अध्यक्ष डॉ. जयदीप आर्य, डॉ. सतबीर खालसा, श्री के. किमुरा, डॉ. इंद्रानिल बसु, डॉ. आई.वी. वासावरदी, डॉ. सुशील शर्मा, डॉ. स्वामी दयाधीपानन्दा, श्री गौरव वर्मा, डॉ. मनोज मित्तल, डॉ. अक्षय आनन्द ने भी योग के विभिन्न पहलुओं से अपने संबोधन में विस्तार से चर्चा की।

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